- केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।
- लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया था।
- 5 अगस्त 2019 से पहले पीआरसी या राज्य विषय जम्मू कश्मीर के नागरिक के तौर पर उनके निवास का प्रमाण था।
करगिल : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के चोस्कोरे गांव की रहने वाली फातिमा बानो कारगिल की पहली ऐसी महिला बन गई हैं जिन्हें ‘लद्दाख निवासी’ प्रमाणपत्र मिला है। स्थानीय अधिकारियों ने सोमवार को जिले भर में दस्तावेज जारी करने के लिए विशेष शिविर लगाया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कारगिल के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) त्सेरिंग मोटुप ने यहां तहसीलदार कार्यालय में पहला निवासी प्रमाणपत्र जारी किया।
स्थानीय निवासियों के लिए सभी अधीनस्थ सेवाओं को आरक्षित करने के करीब तीन महीने बाद लद्दाख प्रशासन ने किसी भी विभाग या सेवा की स्थापना पर सभी अराजपत्रित पदों पर नियुक्ति के उद्देश्य से 4 सितंबर को ‘केंद्र शासित प्रदेश के निवासियों’ को अस्थायी रूप से परिभाषित करने का आदेश जारी किया था।
लद्दाख निवासी प्रमाणपत्र आदेश 2021 के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसके पास लेह और कारगिल में सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया स्थायी निवासी प्रमाण पत्र (पीआरसी) है या वे सक्षम प्राधिकारी द्वारा पीआरसी जारी करने के पात्र व्यक्तियों की श्रेणी से संबंधित हों तो वे ‘निवासी प्रमाण पत्र’ प्राप्त करने के हकदार होंगे।
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर और अनुच्छेद 370 के तहत उसके विशेष दर्जे को निरस्त कर लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया था। 5 अगस्त 2019 के घटनाक्रम से पहले पीआरसी या राज्य विषय जम्मू कश्मीर के नागरिक के तौर पर उनके निवास का प्रमाण था।
एडीसी ने निवासी प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले कारगिल के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि सोमवार को निवासी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जिले के सभी तहसीलदार कार्यालयों में विशेष शिविर लगाए गए। उन्होंने बताया कि हाल के एक आदेश के अनुसार लद्दाख प्रशासन ने संबंधित तहसीलदारों को निवासी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में अधिकृत किया है।