- कर्नाटक में बीजेपी विधायक के मोबाइल फोन से भेजे गए एक व्हाट्स एप मैसेज को लेकर विवाद पैदा हो गया है
- आरोप है कि इसमें देवताओं का मजाक उड़ाया गया है, इसके स्क्रीनशॉट कई समाचार चैनलों पर प्रसारित हुए थे
- इस पर कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने सवाल उठाए हैं, मामले के तूल पकड़ने पर बीजेपी विधायक ने माफी मांग ली है
बेंगलुरु : कर्नाटक से भाजपा विधायक मुरुगेश नीरानी ने अपने मोबाइल से देवताओं का मजाक उड़ाने वाला एक संदेश साझा होने पर माफी मांग ली। इस घटनाक्रम से विवाद खड़ा हो गया था। व्हाट्सएप संदेश के स्क्रीनशॉट कुछ स्थानीय समाचार चैनलों पर प्रसारित हुए थे, जिसमें यह भी दिखाया गया कि संदेश साझा होने के बाद प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर हो गए।
पूर्व मंत्री ने मांगी माफी
पूर्व मंत्री नीरानी ने बाद में एक वीडियो जारी कर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने मंगलवार को कहा कि मोबाइल नंबर उनका था। हालांकि, संदेश उन्होंने साझा नहीं किया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि अनजाने में यह उनके निजी सहायक से साझा हो गया हो।
नीरानी ने कहा, 'जनसंपर्क उद्देश्य से मेरे निजी सहायक और गनमैन संबंधित मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते हैं। बीती रात फोन मेरे निजी सहायक के पास था। लापरवाही के चलते कहीं अन्य से आया संदेश आगे चला गया। गलती आखिर गलती है चाहे वह किसी ने भी की हो। यह जानबूझकर नहीं किया गया और मेरे साथ जो लोग हैं, वे गलती के लिए माफी मांग चुके हैं। मैं राज्य के लोगों से माफी मांगता हूं।'
'मुझे अपने धर्म पर गर्व'
बिल्गी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधत्व करने वाले नीरानी ने कहा कि वह सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु हैं और उन्होंने कभी भी धर्म के खिलाफ कुछ नहीं कहा है तथा वह सनातन धर्म का अत्यधिक सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा, 'एक हिन्दू के रूप में मुझे अपने धर्म पर गर्व है। यह गलती मेरे निजी सहायक की असावधानी से हुई। लोग इसे मेरी गलती न समझें। अपने स्टाफ और खुद अपनी तरफ से मैं एक बार फिर माफी मांगता हूं। इस मुद्दे को अब और आगे तूल नहीं दिया जाना चाहिए। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि आगे से सतर्क रहूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि इस तरह की गलती की पुनरावृत्ति न हो।'
सिद्धरमैया ने उठाए सवाल
वहीं, विधानसभा में नेता विपक्ष सिद्धरमैया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि नीरानी को पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह भगवान में विश्वास करते हैं या नहीं। सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा, 'ईश्वर का अपमान करना उस हर व्यक्ति का अपमान है जो ईश्वर में विश्वास करता है।'