- कर्नाटक के शिमोगा में हिजाब पहनने पर बवाल मंगलवार को बढ़ गया
- भगवा स्कार्फ लगाए छात्रों ने हिजाब पहनी एक छात्रा को सड़क पर घेर लिया
- कर्नाटक हाई कोर्ट में इस मामले की मंगलवार को सुनवाई हुई
बेंगलुरु : कर्नाटक में हिजाब पहनने पर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस ओर जहां इस मामले की सुनवाई कर्नाटक हाई कोर्ट में हो रही है तो दूसरी ओर शिवमोगा में इस पर बवाल हुआ है। शिवमोगा में भगवा स्कॉर्फ लगाए छात्रों ने मंगलवार को सड़क पर हिजाब पहनी लड़की को घेर लिया। इसके बाद इस छात्रा ने 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाकर छात्रों का विरोध किया। शिवमोगा कॉलेज में छात्रों ने जिस पोल पर तिरंगा ध्वज फहराया जात है उस पोल पर भगवा झंडा फहराया है। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी छात्रों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
स्कूल में हिजाब पहनने पर सरकार ने लगाई है रोक
स्कूल के पास बड़ी संख्या में छात्र मौजूद हैं। छात्रों की तरफ से 'जय श्री राम' के नारे लगाए गए। राज्य में हिजाब पहनने को लेकर विवाद गत एक जनवरी से शुरू हुआ है। मुस्लिम छात्राओं का कहना है कि वे हिजाब पहनकर स्कूल में पढ़ाई करने आएंगी। वहीं, सरकार का कहना है कि हिजाब पहनकर स्कूल में छात्राएं नहीं बैठ सकतीं।
कर्नाटक हिजाब विवाद पर सामाजिक कार्यकर्ता ताहिर हसन ने कहा कि इसको सांप्रदायिक रंग नहीं देना चाहिए, कॉलेज प्रशासन को अभिभावकों के साथ बैठकर बताना चाहिए था कि उनके यहां के नियम क्या हैं।
हिजाब विवाद पर हाई कोर्ट में सुनवाई
हिजाब मामले की सुनवाई कर्नाटक हाई कोर्ट कर रहा है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि भावनाओं एवं संवेदनाओं के आधार पर नहीं बल्कि तर्कों के आधार पर वह सुनवाई करेगा। हाई कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई संविधान के मुताबिक होगी। संविधान ही उसके लिए भगवद् गीता है।
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'हिजाब पहनना मुस्लिम संस्कृति का आवश्यक हिस्सा'
मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने कहा कि हिजाब पहनना मुस्लिम संस्कृति का आवश्यक हिस्सा है। जबकि एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि स्कूल में बच्चों का यूनिफॉर्म क्या होना चाहिए, इस बारे में निर्णय करने का अधिकार कॉलेजों को दिया गया है। एडवोकेट जनरल ने कहा कि जो छात्र यूनिफॉर्म में राहत पाना चाहते हैं, उन्हें कॉलेज डेवलपेंट कमेटी के पास जाना चाहिए।