- 12 अप्रैल को वीरवान पंडित कॉलोनी के लोगों को धमकी भरा पत्र मिला है।
- पिछले कुछ समय से कश्मीर में प्रवासी श्रमिकों को कश्मीरी पंडितों पर हमले बढ़े हैं।
- सुदूर क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारियों का ट्रांसफर करने की मांग की है।
Kashmir Pandit: प्रधानमंत्री राहत पैकेज के तहत कश्मीर लौटे पंडितों को धमकी भरा पत्र मिला है। पैकेज के तहत नौकरी कर रहे पंडितों के अनुसार उन्हें कुछ दिन पहले धमकी भरा पत्र मिला है। इसे देखते हुए अब कर्मचारियों ने प्रशासन से न केवल उनकी सुरक्षा की व्यवस्था करने बल्कि सुदूर क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारियों का ट्रांसफर करने की मांग की है। जिससे कि उन्हें सुरक्षा का अहसास हो सके।
क्या है मामला
बारामुला जिले की पीएम पैकेज कर्मचारी एसोसिएशन द्वारा डिप्टी कमिशनर (डीसी) को लिखे गए पत्र के अनुसार 12 अप्रैल को वीरवान पंडित कॉलोनी के लोगों को धमकी भरा पत्र मिला है। जिसे देखते हुए सरकार उनकी सुरक्षा की फिर से समीक्षा करे। और जरूरी होने पर कर्मचारियों का ट्रांसफर भी किया जाय। जिससे उन्हें अपनी सुरक्षा का भरोसा हो सके। कर्मचारियों ने इस लेटर को स्थानीय एसएसपी को भी भेजवा दिया है।
डर खत्म करने के लिए ये कदम उठाएं
कर्मचारियों ने अपने पत्र में लिखा है कि वीरवान कॉलोनी में सरकारी कर्मचारियों के लिए रहने की पर्याप्त आवास नहीं होने की वजह से बहुत से कर्मचारी दूसरे इलाकों में रह रहे हैं। इस वजह से न केवल उन्हें ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं बल्कि सुरक्षा का भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में जब तक पर्याप्त आवास का निर्माण नहीं हो जाता है। उस वक्त तक कर्मचारियों को किराए के मकान में जिला मुख्यालय में रहने की व्यवस्था की जाय।
इसके अलावा कई सारे कर्मचारी जिले में दूर-दराज के स्थानों पर काम कर रहे हैं जो कि उनकी सुरक्षा के लिए बड़ा मसला है। इन कर्मचारियों को जिला मुख्यालय और उसके आसपास के क्षेत्र में तत्काल ट्रांसफर किया जाय जिससे वह सुरक्षित महसूस कर सकें।
कश्मीर में दूसरे राज्यों के लोगों और पंडितों पर हमले बढ़े
पिछले कुछ समय से कश्मीर में प्रवासी श्रमिकों को कश्मीरी पंडितों पर हमले बढ़े हैं। पिछले कुछ हफ्तों में कश्मीर के कई हिस्सों में कम से कम सात गैर-स्थानीय मजदूरों को गोली मार दी गई और उन्हें घायल कर दिया गया। इसके अलावा बॉलीवुड फिल्म कश्मीर फाइल्स ने कश्मीरी पंडितों के प्रवास के मुद्दे पर विवादास्पद बहस छेड़ दी है। जिसके बाद भी ध्रुवीकरण बढ़ा है।