तिरुवनंतपुरम: केरल विधानसभा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को वापस लेने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया।
मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने इस कानून को रद्द करने की मांग करते हुए राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव को पेश करते हुए विजयन ने कहा कि सीएए धर्मनिरपेक्ष नजरिए और देश के ताने बाने के खिलाफ है तथा इसमें नागरिकता देने में धर्म के आधार पर भेदभाव होगा। यह कानून संविधान के आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों के विरोधाभासी है।
उन्होंने कह, 'देश के लोगों के बीच चिंता को देखते हुए केंद्र को सीएए को वापस लेने के कदम उठाने चाहिए और संविधान के धर्मनिरपेक्ष नजरिए को बरकरार रखना चाहिए।'
विजयन ने यह भी आश्वासन दिया कि केरल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं खोला जाएगा।
वहीं भाजपा के इकलौते विधायक ओ राजगोपाल ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह गैरकानूनी है क्योंकि संसद के दोनों सदनों ने नागरिकता संशोधन कानून को पारित कर दिया है।