- मेनका ने केरल के वन मंत्री का नंबर ट्वीट कर कहा था कि आप कॉल/ईमेल करें और कार्रवाई के लिए कहें
- केरल के वन मंत्री ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी
- केरल के सीएम ने कहा कि वन विभाग मामले की जांच कर रहा है और दोषियों को सजा दी जाएगी
नई दिल्ली: केरल के मलप्पुरम से हाल ही में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया जहां एक हथिनी के साथ क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उसकी जान ले ली गई। मलप्पुरम के कुछ लोगों ने हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिला दिया, जिससे उसकी मौत हो गई बेहद दुखद ये कि यह हथिनी प्रेग्नेंट थी और इससे उसके बच्चे की भी जान चली गई।
बीजेपी सांसद और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी भी इससे काफी नाराज हैं और सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ नाराजगी जताते हुए लिखा है कि मल्लपुरम भारत का सबसे हिंसक जिला है।
साथ ही मेनका ने केरल के वन मंत्री का नंबर भी ट्वीट कर कहा था कि मैं केवल सुझाव दे सकता हूं कि आप कॉल / ईमेल करें और कार्रवाई के लिए कहें।
वहीं इस मामले पर अब केरल के वन मंत्री के राजू का बयान सामने आया है कि गर्भवती हाथिनी की हत्या के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मेनका गांधी की टिप्पणी के बारे मैं इस बिंदु पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। मामले की जांच के लिए हमने एक टीम बनाई है।
वहीं इस मामले पर केरल के सीएम ने कहा कि जो गर्भवती हाथी को मारने के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग मामले की जांच कर रहा है और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।
लोगों ने उसे पटाखों से भरा हुआ अनानास खाने के लिए दिया था
गौरतलब है कि इस घटना का जिक्र एक वन अधिकारी मोहन कृष्णन ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है उन्होंने बताया कि यह हथिनी खाने की तलाश में जंगल से बाहर पास के गांव में चली गई थी जहां वह खाने की तलाश मे थी कि वहां के कुछ लोगों ने उसे पटाखों से भरा हुआ अनानास खाने के लिए दिया जो उसके मुंह में जाकर फट गया।
दर्द से कराहती हथिनी आखिर में वहां की एक नदी में जाकर खड़ी हो गई, उसने दर्द से बचने के लिए अपना मुंह पानी में डाल रखा था ताकि उसे दर्द में थोड़ी राहत मिल सके मगर ऐसा हो ना सका वो असहनीय पीड़ा को बर्दाश्त करती रही। अनानास में रखे पटाखे इतने भयानक थे कि उसकी जीभ और मुंह बुरी तरह से जख्मी हो गए, हथिनी दर्द और भूख के मारे घूमती रही और अपनी चोट की वजह से वह कुछ खा भी नहीं पा रही थी और बेहाल थी। बहुत ज्यादा कोशिश किए जाने के बाद भी वह बाहर नहीं आई और 27 मई को पानी में खड़े-खड़े उसके प्राण निकल गए,