- केरल के राज्यपाल बोले- कांग्रेस ने किया था पाक अल्पसंख्यकों को जगह देने का वादा
- कहा- बीजेपी सिर्फ इस दिशा में कानून लेकर आई है
- महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और अन्य नेताओं का दिया हवाला
नई दिल्ली: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर मोदी सरकार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने वास्तव में महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू की ओर से कांग्रेस के साथ मिलकर पाकिस्तान में प्रताड़ित किए गए लोगों की गारंटी को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इस काम की प्रेरणा कई वर्षों के भीतर 1985 और 2003 में स्थापित की गई थी। सरकार ने वास्तव में इस काम को कानूनी रूप दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि अशोक गहलोत की ओर से पाकिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत लाने की मांग की गई थी। इस कानून के मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो वादा पाकिस्तान में रह रहे गैर मुस्लिमों से किया था उसी को पूरा किया गया है।
केरल के गवर्नर ने कहा, 'महात्मा गांधी ने 7 जुलाई 1947 को कहा था पाकिस्तान में रह रहे हिंदू और सिख अगर वहां नहीं रहना चाहते तो उन्हें भारत आने का अधिकार है। भारत सरकार को उन्हें रोजगार, नागरिकता और सुलभ जीवन उपलब्ध कराना होगा।'
आरिफ मोहम्मद खान का यह बयान कई तरह से महत्वपूर्ण है। बता दें कि आरिफ मोहम्मद खान कांग्रेस पार्टी का बड़ा चेहरा रह चुके हैं। 1986 में, उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसका कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ओर से पेश किया गया मुस्लिम पर्सनल लॉ बिल था। उन्होंने शाहबानो केस से कांग्रेस के रुख के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। आरिफ इसके अलावा ट्रिपल तलाक के खिलाफ भी रहे हैं।