- केसरीनाथ त्रिपाठी ने ममता सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया है
- त्रिपाठी ने कहा कि हर नागरिक से बिना भेदभाव के व्यवहार करना चाहिए
- तृणमूल कांग्रेस ने त्रिपाठी कीटिप्पणी पर पलटवार किया है
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद से सेवानिवृत्त हुए केसरीनाथ त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने शनिवार को आरोप लगया कि ममता बनर्जी की 'तुष्टिकरण नीति' से राज्य का सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को हर नागरिक से बिना किसी भेदभाव के समान तरीके से व्यवहार करना चाहिए।
त्रिपाठी के पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी और उनके बीच कई बार टकराव नजर आया है। दोनों कई बार एक-दूसरे की सार्वजनिक रूप से आलोचना कर चुके हैं। 85 वर्षीय त्रिपाठी के स्थान पर जगदीप धनकड़ 30 जुलाई को पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल के तौर पर शपथ लेंगे।
त्रिपाठी ने पीटीआई से बातचीत में कहा, 'मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास दृष्टि है, अपने निर्णयों को लागू करने की शक्ति है लेकिन उन्हें संयमित भी रहना चाहिए। वह कुछ मौकों पर भावुक हो जाती हैं, इसलिए उन्हें इस पर नियंत्रण रखना होगा।' त्रिपाठी ने कहा, ‘उनकी (बनर्जी) तुष्टिकरण की नीति सामाजिक सौहार्द्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली है...मैं समझता हूं कि उन्हें प्रत्येक नागरिक को समान रूप से देखना चाहिए। मेरा मानना है कि पश्चिम बंगाल के प्रत्येक नागरिक से बिना किसी भेदभाव के समान रूप से व्यवहार होना चाहिए।'
यह पूछे जाने पर कि क्या वह पश्चिम बंगाल में कोई भेदभाव देखते हैं, त्रिपाठी ने कहा, 'भेदभाव प्रत्यक्ष है। उनके (बनर्जी) बयान भेदभाव दिखाते हैं।' तृणमूल कांग्रेस ने केसरीनाथ त्रिपाठी द्वारा ममता बनर्जी को लेकर की गई इस टिप्पणी पर पलटवार किया।
तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल से सवाल किया कि क्या यह 'नंबर बढाने का प्रयास' है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने सवाल उठाया कि त्रिपाठी ने इससे पहले यह क्यों नहीं कहा। चटर्जी ने कहा, 'क्या यह अपने नंबर बढाने का प्रयास था? इसीलिए हमने (तृणमूल) पहले कहा था कि राजभवन भाजपा का पार्टी कार्यालय बन गया है। यह अब सच साबित हुआ है।'