- सोमवार को सीएए को लेकर दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा, अब तक 7 लोगों की मौत
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ आज होनी है गृह मंत्री अमित शाह की बैठक
- उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुई आगजनी, जख्मी हेड कांस्टेबल रतन लाल की हुई मौत
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हुई हिंसा में एक पुलिस कर्मी सहित कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है। सोमवार को जाफराबाद, मौजपुर, गोकुलपुरी, भजनपुरा, बाबरपुर, चांद बाग, घोंडा चौक और ब्रह्मपुरी में हिंसा के बाद इन इलाकों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। सुरक्षा की लिहाज से पिंक मेट्रो स्टेशन के पांच स्टेशन बंद हैं। कानून-व्यवस्था एवं शांति कायम करने के लिए इन इलाकों में धारा-144 लागू की गई है। इन इलाकों में दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है।
इस बीच, गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने दिल्ली हिंसा में साजिश की आशंका जताई है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि सरकार किसी भी सूरत में हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और यह प्रदर्शन ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यह किस प्रकार का विरोध-प्रदर्शन है? आपके एक हाथ में राष्ट्र ध्वज है और दूसरे हाथ में पत्थर। यह सब कुछ ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर हैं। इस समय यह प्रदर्शन नहीं होना चाहिए था। दरअसल, विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है। सरकार किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी। हिंसा के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है।'
हिंसा में संलिप्त लोगों पर होगी कार्रवाई
रेड्डी ने हैदराबाद में कहा, 'अमेरिका के राष्ट्रपति आज दिल्ली में हैं। मैं विपक्षी दलों से इसका सम्मान करने का अनुरोध करता हूं। इसके बाद किसी भी मुद्दे पर बातचीत हो सकती है। सोमवार को दिल्ली में हुई हिंसा हुई। इस हिंसा में संलिप्त लोगों के खिलाफ हम कड़ी कार्रवाई करेंगे। दिल्ली में दो महीने से एक धरना चल रहा है। केंद्र सरकार ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दी है लेकिन कल जो हिंसा हुई उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'
उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में धारा-144 लागू
उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीएए को लेकर हुई हिंसा ने कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया। इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल सहित सात लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारियों ने मौजपुर, करदमपुरी, चांद बाग एवं दायलपुर में वाहनों, घरों और दुकानों में आग लगा दी। हिंसा को देखते हुए प्रभावित इलाकों में धारा-144 लागू की गई है।
हिंसा पर शुरू हुई राजनीति
दिल्ली हिंसा को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के नेता एवं मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि उनके इलाके में हिंसा खुलेआम हो रही है। राय ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी उनका फोन नहीं उठा रहे हैं। राजधानी में बिगड़ते हालात पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली में स्थितियों पर नियंत्रण लाने के लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल से बात की। वहीं, कांग्रेस ने दिल्ली हिंसा के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल पर निशाना साधा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि मुख्यमंत्री केवल मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकते।
राजधानी में हिंसा के मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक, खुफिया ब्यूरो के चीफ अरविंद कुमार, गृह सचिव अजय भल्ला और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को हिंसा प्रभावित इलाकों के अपने विधायकों एवं अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई है। दिल्ली हिंसा पर गृह मंत्री शाह आज केजरीवाल के साथ बैठक करने वाले हैं।