- बुधवार सुबह किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना में 7 लोगों की मौत हुई है
- कुदरती कहर से गांवों का काफी नुकसान पहुंचा है, गांवों में चारो तरफ मलबा फैला है
- जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा है कि वह प्रभावितों की हर संभव मदद करेंगे
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना से भारी नुकसान पहुंचा है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक सात लोगों की मौत हुई है, 12 लोग घायल हुए हैं और 19 लोग अभी भी लापता हैं। बादल फटने से सबसे ज्यादा तबाही किदाचन तहसील के होनजार गांव में हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां गांव का नामो-निशान मिट गया है। गांव में चारो तरफ मलबा फैला है। इलाके में लोगों को ढूंढने के लिए राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
प्रभावितों की हर संभव मदद करेंगे-मनोज सिन्हा
इस आपदा पर केंद्रशासित प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा दुख जाहिर किया है। सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सभी लोगों के पुनर्वास के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे। लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा, 'यह काफी दुखद घटना है। इस कुदरती हादसे में सात लोगों की मौत हुई है। गंभीर रूप से घायल लोगों का इलाज हो रहा है। आपदा से प्रभावित सभी लोगों के पुनर्वास के लिहम सभी प्रयास करेंगे।'
बीते कुछ दिनों से राज्य में भारी बारिश हो रही है, इससे लोगों का जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी राज्य के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है।
हर तरफ मलबा फैला
किश्तवाड़ डीडीसी की चेयरपर्सन पूजा देवी ने कहा, 'मैं लेफ्टिनेंट गवर्नर से अनुरोध करूंगी कि वह किश्तवाड़ की हालत का जायजा लेने के लिए यहां का दौरा करें। यहां चारो तरफ मलबा फैला है। इसे हटाने एवं जगह को साफ करने के लिए विशेष मशीनों की जरूरत है। विकसित देश का निर्माण करने के लिए इन गांवों का विकास किया जाना जरूरी है।'
लापता लोगों के लिए तलाशी अभियान जारी
बादल फटने की घटना के बाद से प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। इस प्राकृतिक घटना से सबसे ज्यादा नुकसान किश्तवाड़ जिले के होनजार गांव में हुआ है। यहां के एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि 'आज, यहां गांव का कोई नामो-निशान नहीं है।'
अधिकारियों का कहना है कि किदाचन तहसील के होनजार गांव में बुधवार सुबह करीब साढ़े चार बजे बादल फटने की घटना हुई। लापता लोगों की तलाश के लिए पुलिस, सेना और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) मौके पर एक संयुक्त राहत अभियान चला रहे हैं।