- भारतीय सेना को स्वॉर्म ड्रोन के रूप में मिली है अहम ताक
- सेना को ऑफेंसिव और डिफेंसिव दोनों तरह के ऑपरेशन को मजबूती देंगे स्वॉर्म ड्रोन्स
- झुंड में एक साथ लयबद्ध तरीके से उड़ान भरते हैं ये ड्रोन्स
Swarm Drones : भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री में कुछ समय पहले स्वॉर्म ड्रोन शामिल किए गए हैं। इन्हें सेना की एक अहम ताकत के रूप में देखा जा रहा है। 29 जनवरी 2022 को नई दिल्ली में बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान 1,000 ड्रोन्स ने एक शानदार प्रस्तुति देते हुए सबको आश्चर्यचकित कर दिया था। आज भारतीय सेना की तरफ से ट्वीट कर एक फोटो साझा की गई जिसमें लिखा गया, 'स्वार्म ड्रोन्स मैकेनाइज्ड फोर्सेस में शामिल किया जा रहा है, जो शानदार और विघटनकारी तकनीकों से लैस हैं। भारतीय सेना को भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में यह ड्रोंस एक बढ़त प्रदान करेगा।'
इस कोशिश का है हिस्सा
ये ड्रोन्स झुंड में एक साथ लयबद्ध तरीके से उड़ान भरकर अपने लक्ष्य को भेद सकते हैं। दरअसल भारतीय सेना ने ड्रीमर्स, स्टार्टअप्स, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), निजी क्षेत्र, शैक्षणिक समुदाय, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रक्षा मंत्रालय के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के साथ मिलकर प्रौद्योगिकी से जुड़ी पहलों की एक लंबी श्रृंखला शुरू की है। ऐसी ही एक परियोजना है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऑफेंसिव ड्रोन ऑपरेशंस, जिसे एक भारतीय स्टार्ट-अप के साथ मिलकर चलाया जा रहा है। यह परियोजना भारत को हथियारों के लिए अपने प्लेटफॉर्म तैयार करने में स्वायत्त बनाने की एक कोशिश का हिस्सा है।
अनूठी हैं खासियतें
रक्षा मंत्रालय ने पिछले महीने ही स्वार्म ड्रोन, बुलेटप्रूफ जैकेट और कार्बाइन सहित सशस्त्र बलों के लिए 28,732 करोड़ रुपये से अधिक के हथियारों के खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसमें स्वार्म ड्रोन्स सबसे खास है। इन ड्रोन्स की सबसे खास बात ये है कि ये अपने टास्क को बांट लेते हैं और राडार या एंटी-एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देते हुए दुश्मन के वीइकल, दुश्मन के कमांड और कंट्रोल सिस्टम को भी यह ड्रोन ध्वस्त कर सकता है। स्वॉर्म ड्रोन सिस्टम में कई ड्रोन होते हैं जो आर्टिफिशल इंटेलिंजेंस से कंट्रोल स्टेशन के संपर्क में रहते हैं।
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इस तरह करते हैं काम
ये ड्रोन एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं और या तो रिमोट से नियंत्रित होते हैं या ऑनबोर्ड प्रोसेसर की मदद से स्वायत्त रूप से संचालित होते हैं। दुश्मन की हवाई सुरक्षा को भेदने, दुश्मन की वायु रक्षा को एकसाथ ध्वस्त कर सकते हैं और वो भी रडार की पकड में आए बिना। एक झुंड के भीतर ड्रोन कई तरह के मिशनों को अंजाम दे सकते हैं, जैसे टैंकों के खिलाफ हमले, पैदल सेना के लड़ाकू वाहन, गोला-बारूद रखने वाले क्षेत्र, ईंधन डंप और आतंकी लॉन्च पैड।
पलभर में कर सकते हैं खाक
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए ये स्वार्म ड्रोन बिना किसी मानव हस्तक्षेप के दुश्मन के इलाके में अंदर तक न केवल घुस सकते हैं बल्कि अपने टारगेट की पहचान कर उन्हें खाक भी सकते हैं। स्वार्म ड्रोन तकनीक में चीन पहले ही तेजी से आगे बढ़ चुका है। 2021 में चीन ने एक ट्रक-माउंटेड सिस्टम का एक वीडियो जारी किया, जिसमें ड्रोन्स के झुंडों का एक बैराज लॉन्च किया गया था।