नई दिल्ली : केरल के कोझिकोड में आयोजित एक साहित्य फेस्टवल में सिंगर टीएम कृष्णा ने राष्ट्रगान को लेकर एक विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि 7 साल में भारत में राष्ट्रगान को कई बार तोड़ा-मरोड़ा गया। बहुलतावाद की अभिव्यक्ति के लिए राष्ट्रगान जन गण मन को पिछले 7 सालों में कितनी बार तोड़ा मरोड़ा गया और उसके मूल रुप से भटकाया गया।
ऐसा लगता है कि राष्ट्रगान ने हमारी सोच समझ पर भी बदलाव ला दिया है। विडंबना ये है कि हम जनता को दबाने के लिए राष्ट्रगान का इस्तेमाल किया जा रहा है। जहां से मूल राष्ट्रगान का उदय हुआ था आज उसी की वजह से आज हर तरफ डर का माहौल पैदा हो रहा है।
वास्तविकता ये है कि हम जानते नहीं है कि कौन हमें देशविरोधी बुला रहा है। टैगोर ने विचारों के देश की बात की थी, कि आपको अब जागने की जरूरत है और दबाए जा रहे पीड़ितों को ये कहने की जरूरत है कि अब तुम यहां से चले जाओ।
मैं इस राष्ट्रगान को बेहतर तरीके से समझना चाहता था कि इसका मतलब क्या है इससे मैं अपनी धरती को समझ पाता। लेकिन इसका इस्तेमाल गलत तरीके से किया जा रहा है। बहुत सारे लोगों को पता नहीं है कि ये पहले एक गाना था बाद में इसे राष्ट्रगान बनाया गया। पहले जन गण मन एक गाना था बाद में जन गण मन एक राष्ट्रगान बन गया।
कांग्रेस नेशनल सेशन कर रही थी जिसके लिए उन्हें एक गाने की जरूरत थी। किंग ज़ॉर्ज उस समय भारत आ रहे थे। उसी समय इस गाने को बनाने की जरूरत आई थी। कल को आपको पता नहीं कि आपके घर वाले आपके भाई बहन ही आपको देश विरोधी कहकर बुलाने लगें। एक ही व्यक्ति थे जिन्होंने इस गाने की अहमियत को समझा वे थे मोहनदास करमचंद गांधी।