- पीड़िता ने शुक्रवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में में ली अंतिम सांस
- आरोपियों ने जेल से रिहा होने के बाद पीड़िता को जिंदा जलाया
- कुमार विश्वास ने ट्वीट कर सवाल उठाते हुए कहा- क्या कोई बेल देने वाले न्यायाधीश महोदय से भी करेगा सवाल?
नई दिल्ली: उन्नाव रेप पीड़िता की शुक्रवार रात सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। पीड़िता की मौत को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। इसी को लेकर कवि कुमार विश्वास का दर्द झलका है। उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए और पूरे सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्नाव की बेटी ने केवल अकेल दम नहीं तोड़ा है बल्कि इसके साथ हमारी संवेदनशीलता ने भी दम तोड़ा है।
अपने पहले ट्वीट में विश्वास ने आरोपियों को बेल देने वाले जज पर सवाल उठाते हुए कहा, 'उन न्यायाधीश महोदय से कोई प्रश्न करेगा जिन्होंने पीड़िता की आशंका के बाद भी रेप के दबंग आरोपियों को बेल दी?उन पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही होगी जिन्होंने इतने दिनतक उस लड़की की शिकायत को FIR में नहीं बदला?सत्ता-व्यवस्था के प्रति अविश्वास लोकतंत्र में भीषण अमंगलकारी है।'
अपने अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, क्या उन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार होगा जिन्होंने अपने बलात्कारी बेटों को दंडित करने की बजाय साथ खड़े होकर पीड़िता उन्नाव की बेटी को ज़िंदा जलाया? संसद में बैठे वोटों के ठेकादारों ने क़ानून न तब बनाया न अब बनाएँगे तो हमारी-आपकी सामाजिक ज़िम्मेदारी ज़्यादा बढ़ जाती है।'
सिस्टम पर सवाल दागते हुए कुमार ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा, 'ज़िंदा जली उन्नाव की बेटी ने अकेले दम नहीं तोड़ा है,उसके साथ-साथ हमारी तथाकथित संवेदनशीलता, हमारी संस्कारशीलता, हमारी न्यायपालिका, हमारी व्यवस्था और हमारी राजनैतिक इच्छाशक्ति ने भी दम तोड़ा है। ज़मीन के नीचे धधक रही असंतोष व बेचैनी की आग को पहचानो हुकमरानों वरना कुर्सी सहित जलोगे।'
आपको बता दें कि पीड़िता ने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने दिसंबर 2018 में उसे अगवा कर उससे बलात्कार किया था। हालांकि इस संबंध में प्राथमिकी मार्च में दर्ज की गई थी। इसके बाद जब आरोपियों को बेल मिली तो उन्होंने गुरुवार को पीड़िता पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।