नई दिल्ली : लॉकडाउन के दौरान देश भर में फंसे लोगों को न निकालपाने पर केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के भाजपा अध्यक्ष चेरिंग दोरजी ने अपने पद से इस्तीफा दे दे दिया है। दोरजी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन में फंसे यहां के लोगों को निकालने में यहां का प्रशासन नाकाम हुआ है, इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र में दोरजी ने लद्दाख के यूटी प्रशासन पर 'असंवेदनशील' होने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि लद्दाख के यात्री, मरीज और छात्र सहित करीब 20 हजार लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। एक समाचार पत्र से बातचीत में दोरजी ने कहा कि उन्होंने इस मसले को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, लेफ्टिनेंट गवर्नर, लद्दाख में पार्टी के प्रभारी अवनीश राय खन्ना और यूटी प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष उठाया था लेकिन उनके सभी प्रयास विफल हो गए।
दोरजी का आरोप है कि लेह और कारगिल के परिषदों को यूटी प्रशासन ने प्रभावहीन बना दिया है। भाजपा के पूर्व नेता का कहना है कि यूटी प्रशासन के अधिकारी रोजाना के कार्यों में इन परिषदों का सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दो जिलों की स्वायत्तता हासिल करने के लिए लद्दाख के लोगों ने काफी बलिदान किया है। दोरजी ने कहा कि वह इलाके की समस्याओं को पहले भी पार्टी के नेताओं से अवगत करा चुके हैं। दोरजी का पार्टी से इस्तीफा भाजपा के लिए एक झटका माना जा रहा है।