- लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में एलएससी पर चीन की तरफ से की गई थी नापाक हरकत
- भारत के दबाव के बाद 6 जून को मोल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की हुई बातचीत
- बातचीत के बाद चीन की तरफ से आधिकारिक बयान, विवाद में न बदले मतभेद
नई दिल्ली। लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में चीन ने एलएसी पर चहलकदमी बढ़ाई तो शायद उसे यकीन न रहा होगा कि भारत की तरफ से त्वरित जवाब मिलेगा। चीन की तरफ से जितनी फौज तैनात की गई उतनी ही संख्या में भारतीय जवानों ने मोर्चा संभाल लिया। अगर चीन की तरफ से लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल दबाव बनाने के लिए किया गया तो भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। इसका असर यह हुआ कि चीन की तरफ से बयान आया कि ड्रैगन और हाथी एक साथ डांस कर सकते हैं। यही नहीं 6 जून को दोनों देशों के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता हुई। अब चीन की तरफ से उस संबंध में बयान आया है।
भारत में चीनी राजदूत का बयान
भारत में चीनी राजदूत सुन विडांग ने अपने विदेश मंत्रालय का हवाला देते हुए 6 जून की बातचीत का जिक्र करते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा पर ताजा हालात के बारे में बातचीत हुई। दोनों देश कूटनीतिक और सैन्य चैनल के रास्ते से सीमा के मुद्दे को सुलझाने में जुटे हुए हैं। चीन और भारत दोनों देश आपसी बातचीत के जरिए इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि मतभेदों को विवादों में नहीं बदलने देना चाहिए।
बातचीत ही रास्ता
सीमा संबंधित मुद्दों का समाधान बैठकर एक बेहतर माहौल में निपटाना चाहिए। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय विषय इतने हैं जिस पर आगे बढ़ने की जरूरत है। चीनी राजदूत का कहना है कि सीमावर्ती इलाके में हालात सामान्य और नियंत्रण में है। चीन और भारत दोनों में यह क्षमता है कि वो प्रासंगिक विषयों बेहतर विचार और आपसी सहयोग के जरिए सर्वमान्य रास्ते पर पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो ऐतिहासिक है और उसे बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है।