- हवा के जरिए फैलता है कोरोना, ताजा अध्ययन में सामने आई बात
- लैसेंट के एक अध्ययन में छह विशेषज्ञों के आंकलन में सामने निकलकर आई कई बातें
नई दिल्ली: लैंसेट पत्रिका में शुक्रवार को प्रसारित एक नयी अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया कि इस बात को साबित करने के मजबूत साक्ष्य हैं कि कोविड-19 महामारी के लिए जिम्मेदार सार्स-कोव-2 वायरस मुख्यत: हवा के माध्यम से फैलता है। ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा से ताल्लुक रखनेवाले छह विशेषज्ञों के इस आकलन में कहा गया है कि बीमारी के उपचार संबंधी कदम इसलिए विफल हो रहे हैं क्योंकि वायरस मुख्यत: हवा से फैल रहा है।
अध्ययन में सामने आई बात
अमेरिका स्थित कोलराडो बाउल्डेर विश्वविद्यालय के जोस लुई जिमेनजे ने कहा, 'वायरस के हवा के माध्यम से फैलने के मजबूत साक्ष्य हैं।’ उन्होंने कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों के लिए यह आवश्यक है कि वे वायरस के प्रसार के वैज्ञानिक साक्ष्य को स्वीकार करें जिससे कि विषाणु के वायुजनित प्रसार को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।’
WHO को लिखा था पत्र
हालाँकि अतीत के कुछ अध्ययनों ने सुझाव दिया था कि COVID-19 हवा के माध्यम से फैल सकता है लेकिन इस विषय पर समग्र वैज्ञानिक साहित्य अनिर्णायक रहा। पिछले साल जुलाई में, 32 देशों के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ को पत्र लिखते हुए कहा कि इस बात के सबूत हैं कि कोरोनावायरस हवा से फैल रहा है है, और यहां तक कि छोटे कण भी लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
मिले ये साक्ष्य
यूके में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक टीम ने प्रकाशित शोध की समीक्षा की और हव के जरिए कोरोना के फैलने की बात का समर्थन करते हुए साक्ष्य के रूप में 10 कारण भी बताए। शोधकर्ताओं ने पिछले साल के सुपर-स्प्रेडर घटनाओं का जिक्र करते हुए अमेरिका का उदाहरण दिया जिसमें 53 लोग एक एकल संक्रमित मामले से संक्रमित हो गए। उन्होंने उल्लेख किया कि SARS-CoV-2 की ट्रांसमिशन दरें बाहर की तुलना में बहुत अधिक हैं, और इनडोर वेंटिलेशन द्वारा ट्रांसमिशन बहुत कम हो जाता है।
इंडोर में ज्यादा फैल सकता है
अध्ययन में यह बात सामने निकलकर आई की वायरस का ट्रांसमिशन आउटडोर (बाहर) की तुलना में इंडोर (अंदर) में अधिक हो जाता है और इंडोर में अगर वेंटिलेशन प्रॉपर है तो भी इसके फैलने की संभावना कम हो जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक SARS-CoV-2 हवा में पाया गया है। लैब में SARS-CoV-2 वायरस कम से कम 3 घंटे तक हवा में संक्रामक हालत में रहा।