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अहमदाबाद के 82% लोगों का मानना है कि कोविड-19 महामारी के बाद जीवन बीमा को अधिक महत्व मिला है- जीवन बीमा परिषद सर्वेक्षण

life Insurance Council
Updated Mar 29, 2022 | 17:24 IST

जीवन बीमा परिषद (लाइफ इंश्योरेंस काउन्सिल) ने जीवन बीमा के प्रति भारतीय दर्शकों की धारणा को समझने के लिए हाल ही में 40 शहरों में बारह हजार से अधिक लोगों के साथ एक सर्वेक्षण किया।

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जीवन बीमा
मुख्य बातें
  • लगभग 3/4 उत्तरदाताओं ने जीवन बीमा को बचत बैंक खाते के बाद शीर्ष तीन सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय साधनों में स्थान दिया है।
  • 61% लोगों का मानना ​​है कि जीवन बीमा उनके बच्चों की शिक्षा और विवाह में मदद करेगा।
  • एक साधन के रूप में जीवन बीमा का महत्व बड़े पैमाने पर सभी आयु समूहों और पुरुषों तथा महिलाओं दोनों के बीच समान रहा है।

अहमदाबाद 10 मार्च 2022: जीवन बीमा परिषद (लाइफ इंश्योरेंस काउन्सिल) ने जीवन बीमा के प्रति भारतीय दर्शकों की धारणा को समझने के लिए हाल ही में 40 शहरों में बारह हजार से अधिक लोगों के साथ एक सर्वेक्षण किया। यह सर्वेक्षण जीवन बीमा परिषद के नए जन जागरूकता अभियान 'सबसे पहले जीवन बीमा' की तर्ज पर है, जो जीवन बीमा को परिवार के धन अर्जित करने वाले सदस्यों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। यह अभियान 24 भारतीय जीवन बीमा कंपनियों के संयुक्त प्रयासों का प्रतिनिधित्व करता है, जो देश में जीवन बीमा जागरूकता बढ़ाने के एक सामान्य लक्ष्य की दिशा में काम कर रही हैं, जो कि दुनिया में सबसे कम बीमित आबादी में से एक है।

सर्वेक्षण के निष्कर्षों ने उच्च जागरूकता का संकेत दिया, जिससे यह बात स्पष्ट हुई कि सम्पूर्ण भारत में सभी आयु वर्ग के लोग जीवन बीमा को एक महत्वपूर्ण वित्तीय साधन मानते हैं। अधिकांश उत्तरदाताओं ने निम्नलिखित कारणों पर प्रकाश डाला कि वे क्यों मानते हैं कि जीवन बीमा खरीदना आवश्यक है, उनके अनुसार जीवन बीमा एक अप्रत्याशित घटना में सुरक्षा प्रदान करता है, और साथ ही भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा और परिवार के सामूहिक वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करता है। कुल उत्तरदाताओं में से 70% जीवन बीमा खरीदने के इच्छुक थे। वास्तव में, कोविड-19 महामारी के कारण, जीवन बीमा का चयन करने वाले लोगों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। हालाँकि, अभी-भी कुछ कमी है और लोगों के लिए जीवन बीमा खरीदने और इसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने की काफी जरूरत है। जबकि 91% लोग इसे एक आवश्यकता मानते हैं, फिर भी केवल 70% ही इसमें निवेश करने को तैयार हैं।

पश्चिमी बाजार के निष्कर्षों पर प्रकाश डालें, तो पाएँगे कि युवा वयस्क और सहस्राब्दी का एक बड़ा समूह न केवल जीवन बीमा को लेकर अवगत था, बल्कि इसमें निवेश करने के लिए इच्छुक भी था। उनमें धन निवेश करने की मानसिकता पहले से ही प्रखर थी, क्योंकि पश्चिम में 45% उत्तरदाता इक्विटी और शेयर के बारे में जानते हैं। यह आँकड़ा सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक है। पश्चिमी बाजार ने जीवन बीमा के प्रति भी अपेक्षाकृत उच्च स्वामित्व दिखाया है। पश्चिम में अहमदाबाद, मुंबई, पुणे आदि शहरों में उच्च स्वामित्व उन 92% लोगों की वजह से है, जो मानते हैं कि जीवन बीमा उनके लिए एक आवश्यकता है। यह देशभर में औसतन 76% की तुलना में मित्रों और परिवार को जीवन बीमा की सिफारिश करने के लिए 80% लोगों की इच्छा में भी परिलक्षित होता है। सिफारिशें किसी भी निवेश के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, विशेष रूप से जीवन बीमा के रूप में लंबी अवधि के लिए।

जीवन बीमा परिषद के महासचिव, एस.एन. भट्टाचार्य कहते हैं, "हमने यह सर्वेक्षण मुख्य रूप से भारतीय दर्शकों के बीच जीवन बीमा के बारे में धारणा, जागरूकता और परिचितता को समझने के उद्देश्य से किया था। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय परिवार का प्रत्येक धन अर्जित करने वाला सदस्य अपने परिवार के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुरक्षित करने के लिए जीवन बीमा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। हम समझते हैं कि देखभाल और जिम्मेदारी एक साथ चलते हैं, और हम इस मानसिकता की रक्षा करना चाहते हैं, इसके साथ ही भारतीयों को शिक्षित करना चाहते हैं, ताकि हम सर्वोत्तम जीवन बीमा समाधान पेश कर सकें।"

इसके अतिरिक्त, निष्कर्षों से कई दिलचस्प रुझान सामने आए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि लोग जीवन बीमा के महत्व के बारे में कितने अधिक जागरूक हैं:

  • म्यूचुअल फंड (63%) या इक्विटी शेयर (39%) की तुलना में अन्य सभी वित्तीय साधनों में लाइफ इंश्योरेंस के पास लगभग 96% के साथ सार्वभौमिक जागरूकता स्तर है।
  • एक वित्तीय साधन के रूप में जीवन बीमा का महत्व बड़े पैमाने पर सभी आयु समूहों और पुरुषों तथा महिलाओं दोनों में समान रहा।
  • युवाओं की तुलना में 36 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के अधिकतम लोगों के पास जीवन बीमा है।
  • आधे उत्तरदाता बीमा एजेंट से जीवन बीमा खरीदना पसंद करते हैं, जबकि 10 में से तीन बैंक का चयन करते हैं।
  • युवा दर्शक जीवन बीमा पॉलिसियों को ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से खरीदना पसंद करते हैं, जो उन्हें कई पेशकशों, लाभों और प्रीमियमों की तुलना करने में सक्षम बनाता है।
  • कुल उत्तरदाताओं में से लगभग आधे (47%) ने दावा किया कि उनके या उनके परिवार में किसी न किसी के पास जीवन बीमा है और इसके बारे में भरपूर जानकारी रखते हैं।

सर्वेक्षण से यह भी ज्ञात हुआ कि जीवन बीमा निवेश की प्रकृति, लंबी अवधि के साथ-साथ एक महँगी धारणा है, इन्हें अपनाने के लिए ये ही दो प्रमुख बाधाएँ हैं। इस सर्वेक्षण के साथ जीवन बीमा परिषद और इसके 'सबसे पहले जीवन बीमा' अभियान का उद्देश्य न केवल लोगों को जीवन बीमा के महत्व के बारे में शिक्षित करना है, बल्कि उन कदाचारों को भी मिटाना है, जो लोगों को श्रेणी और उत्पादों के बारे में गुमराह करते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि लोग अपने और अपने परिवार के सुरक्षित, बेहतर भविष्य के लिए जीवन बीमा को सही दृष्टि से देखें।

सर्वेक्षण के बारे में

रिपोर्ट, हंसा रिसर्च के साथ साझेदारी में कमीशन की गई थी
नमूना आकार में 25-55 वर्ष की आयु के बीच के दर्शक शामिल थे
शहरों को 8 मेट्रो शहरों, 9 टियर वन शहरों और 23 टियर टू शहरों में बांटा गया था
अध्ययन में 12000 से अधिक उत्तरदाताओं का सर्वेक्षण किया गया

जीवन बीमा परिषद के बारे में

जीवन बीमा परिषद का गठन बीमा अधिनियम 1938 की धारा 64सी के तहत किया गया है, यह जीवन बीमा उद्योग का चेहरा है, जो उद्योग के विभिन्न हितधारकों को जोड़ता है। यह उद्योग के विकास की दिशा में कई उप-समितियों के माध्यम से सभी जीवन बीमाकर्ताओं की भागीदारी के साथ मिलकर कार्य करता है। जीवन बीमा परिषद ,   नियामक (IRDAI), भारत सरकार और अन्य सभी वैधानिक निकायों के समक्ष उद्योग की ओर से वकालत के प्रयास का नेतृत्व करती है।

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