नई दिल्ली : संसद के नए भवन के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भूमिपूजन किया और आधारशिला रखी। इस मौके पर सभी धर्मों के धर्माचार्य मौजूद हैं और सर्वधर्म प्रार्थना हुई। समारोह में गृह मंत्री अमित शाह, कैबिनेट के मंत्री, राजनीतिक दलों के नेता और कई देशों के राजदूत हैं। 12 बजकर 55 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संसद के नए भवन के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम शुरू हुआ। भूमि पूजन होने के बाद सभी प्रमुख धर्मों ने धर्माचार्यों ने प्रार्थना की। इस नए भवन में संसद के संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्य बैठ सकेंगे। संसद की इस नई इमारत के निर्माण में 971 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और इसका निर्माण 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
नई संसद भवन के लिए भूमि पूजन
पीएम ने कहा कि लोकतंत्र भारत में एक संस्कृति है। यहां लोकतंत्र एक मूल्य और जीवन जीने का तरीका है। भारत का लोकतंत्र सदियों के अनुभव से विकसित हुआ है। पीएम ने कहा कि पुरानी संसद में देश की जरूरतें पूरी हुईं लेकिन इस नए संसद भवन में आधुनिक भारत की आकांक्षाएं पूरी होंगी। भारत का लोकतंत्र पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होकर उभरा है।
पीएम ने स्मृति पट्टिका का अनावरण किया
नई संसद के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न हो गया है। इस मांगलिक अवसर टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा, केंद्रीय मंत्री एचएस पुरी, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश और अलग-अलग धर्मों के धर्माचार्य उपस्थित थे। भूमि पूजन करने के बाद पीएम मोदी ने स्मृति पट्टिका का अनावरण किया। इस मौके पर लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला भी उनके साथ थे।
भूमिपूजन के लिए पहुंचे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमिपूजन और शिलान्यास कार्यक्रम के लिए पहुंच गए हैं। भारतीय परंपरां के अनुसार नई भवन के निर्माण के समय सभी देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। समारोह में सर्वधर्म प्रार्थना की जा रही है। पूजन के लिए पीएम मोदी पूजा की वेदी पर बैठ गए हैं। पंडित मंत्रोच्चार कर रहे हैं।
लगेगी आधुनिक संचार प्रणाली
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि नए संसद भवन का डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स एचसीपी डिजाइन और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है और इसका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। नए भवन को सभी आधुनिक दृश्य - श्रव्य संचार सुविधाओं और डाटा नेटवर्क प्रणालियों से सुसज्जित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि निर्माण कार्य के दौरान संसद के सत्रों के आयोजन में कम से कम व्यवधान हो और पर्यावरण संबंधी सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जाए।
नए भवन में बैठ सकेंगे 1224 सांसद
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी होगी। इसी प्रकार, राज्य सभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी। नए संसद भवन में भारत की गौरवशाली विरासत को भी दर्शाया जाएगा। देश के कोने-कोने से आए दस्तकार और शिल्पकार अपनी कला और योगदान के माध्यम से इस भवन में सांस्कृतिक विविधता का समावेश करेंगे।
नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी
नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त और ऊर्जा कुशल होगा। मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है। नए भवन की सज्जा में भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प और वास्तुकला की विविधता का समृद्ध मिलाजुला स्वरूप होगा। डिज़ाइन योजना में केन्द्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है। आम लोग इसे देख सकेंगे।