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मजदूरों के पलायन पर सख्त हुई केंद्र सरकार, राज्य और जिलों की सीमा सील करने का निर्देश

Updated Mar 29, 2020 | 15:37 IST

Lockdown in India: 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को कड़े निर्देश दिए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
लॉकडाउन में मजदूरों का पलायन

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान देश के कई हिस्सों से मजदूरों के पलायन की तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो कि परेशान करने वाली हैं। इससे ना तो लॉकडाउन का पालन हो पा रहा है और लोगों को भी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। अब केंद्र सरकार ने इस पर सख्त रूख अपनाया है। केंद्र ने राज्यों से लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को रोकने के लिए राज्य और जिलों की सीमा को प्रभावी तरीके से सील करने को कहा है। निर्देशों में कहा गया है कि गरीब, जरूरतमंद लोगों, दिहाड़ी मजदूरों को भोजन, आश्रय मुहैया कराने के लिए समुचित इंतजाम किए जाएंगे। 

राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि लॉकडाउन के दौरान राजमार्गों या शहरों में लोगों की आवाजाही नहीं हो। इन निर्देशों का पालन कराने के लिए डीएम, एसपी को निजी तौर पर जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए। मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उनसे सुनिश्चित करने को कहा कि शहरों में या राजमार्गों पर आवाजाही नहीं हो क्योंकि लॉकडाउन जारी है। 

केंद्र द्वारा जारी की गई एडवायजरी में कहा गया है कि जो भी प्रवासी अपने गृहनगर के लिए निकल गए हैं, उन्हें संबंधित राज्य द्वारा निकटतम शेल्टर हाउस में ठहराया जाए। उनकी स्क्रीनिंग की जाए और 14 दिनों के क्वारंटाइन नियमों का पालन कराया जाए। इसके अलावा कहा गया है कि दुकान और संस्थानों के मालिक अपने मजदूरों को पैसा देना जारी रखें। उनके पैसे ना काटें। जहां भी मजदूर या प्रवासी किराए पर रह रहे हैं, उनके मकान मालिक 1 महीने के किराए की मांग ना करें। अगर कोई मकान मालिक जबरन मजदूरों और छात्रों से किराए की मांग करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ठाकरे की मजदूरों से ना जाने का मांग
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आश्वस्त किया है कि उनकी सरकार सभी प्रवासी मजदूरों की देखभाल करेगी और मूलभूत जरूरतें जैसे खाना पानी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया कि शिव भोजन योजना के तहत एक अप्रैल से 10 रुपए के बजाय पांच रुपए में खाना मिलेगा। ठाकरे ने बताया कि पूरे राज्य में पहले ही 163 केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं जहां पर प्रवासी मजदूरों को खाना और पानी मुहैया कराया जा रहा है। राज्य उनकी रक्षा करेगा और खाना मुहैया कराएगा लेकिन उन्हें अपने स्थानों को छोड़कर नहीं जाना चाहिए। मैं समझ सकता हूं कि वे चिंतित हैं लेकिन उन्हें नहीं जाना चाहिए। उन्हें संक्रमण के खतरे को बढ़ाने से बचना चाहिए। 

केजरीवाल ने भी की अपील
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रवासी श्रमिकों से देश के हित में अपने-अपने पैतृक स्थान नहीं लौटने की अपील की। उन्होंने मजदूरों से अपील करते हुए कहा कि जहां हैं वहीं रहें क्योंकि कोरोना वायरस फैलने का खतरा ज्यादा लोगों के एकत्र होने से बढ़ता है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से अपील की है कि वे जहां हैं, वहीं रहें। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि दिल्ली सरकार ने आपके रहने और खाने का पूरा इंतजाम किया हुआ है। अभी देश के हित में है कि आप अपने गांव नहीं जाएं।' 

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