- लॉकडाउन के दौरान कई राज्यों में हुए भीषण सड़क हादसे, इन दुर्घटनाओं में गई प्रवासी मजदूरों की जान
- छूट मिलने के बाद कहीं पैदल तो कहीं बस औऱ ट्रक में सवार होकर अपने घरों के लिए निकले मजदूर
- बीते कुछ हफ्तों में सड़क हादसों में सौ से ऊपर लोगों की जान गई, ओरैया में हुआ भीषण सड़क हादसा
नई दिल्ली : लॉकडाउन में मुश्किलें वैसे तो सभी लोगों के लिए बढ़ी लेकिन इसकी ज्यादा कीमत प्रवासी मजदूरों को उठानी पड़ी है। लॉकडाउन के शुरुआती चरण में उन्हें अपनी रोजी-रोटी और नौकरी से हाथ धोना पड़ा और छूट मिलने पर जब वे अपने घरों की तरफ निकले तो कइयों को अपनी मौत से सामना करना पड़ा। सड़क एवं रेल हादसों में करीब सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। अपने गृह राज्य पहुंचने की छटपटाहट रखने वाले इन मजदूरों की यह अंतिम यात्रा होगी इसके बारे में किसी ने कल्पना नहीं की होगी। कोविड-19 काल का यह लॉकडाउन हादसों के लिए भी जाना जाएगा। आइए एक नजर डालते हैं लॉकडाउन के दौरान हुए प्रमुख सड़क हादसों पर-
मिर्जापुर में 3 प्रवासी मजदूरों की मौत
गत 22 मई को मिर्जापुर के लालगंज पुलिस स्टेशन के बसही गांव के समीप एक ट्रक की चपेट में आने तीन प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। यहां मजदूरों का वाहन एक ट्रक से टकरा गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों के लिए दो लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की।
ठाणे में दमकलकर्मी की जान गई
गत 21 मई को ठाणे नगर निगम के अग्निशमन विभाग में कार्यरत एक 42 साल के दमकलकर्मी की मौत हो गई। मंगलसिंह राजपूत टीएमसी के कोपरी फायर स्टेशन पर तैनात थे। राजपूत अपने दोपहिया वाहन से अपने घर जा रहे थे इसी दौरान शाम पांच बजे एक ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी।
मोहबा एवं बांदा में चार प्रवासी मजदूरों की मौत
गत 19 मई को उत्तर प्रदेश के बांदा और महोबा जिलो की अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में चार प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। जबकि कम से कम 18 लोग घायल हुए। महोबा की सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हुई जबकि 17 अन्य घायल हुए। यहां प्रवासी मजदूरों को लेकर जा रहा एक ट्रक झांसी-मिर्जापुर राजमार्ग पर पलट गया।
भागलपुर में मारे गए 9 प्रवासी मजदूर
बिहार के भागलपुर में 19 मई को बड़ा सड़क हादसा हुआ। यहां प्रवासी मजदूरों को लेकर जाने वाला ट्रक दूसरे वाहन से टक्कर बचाने के दौरान पलट गया। इस हौदसे में नौ प्रवासी मजदूरों की मौत हुई। यह भीषण हादसा अंभो चौक के समीप एनएच-31 पर तड़के छह बजे हुआ। ये प्रवासी मजदूर कोलकाता से साइकिल से निकले थे लेकिन रास्ते में ट्रक पर सवार हो गए।
गोरखपुर में 11 मजदूर हुए घायल
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 17 मई को बड़ा हादसा होने से बच गया। हिमाचल प्रदेश से बिहार जाने वाले प्रवासी मजदूरों की एक बस कुशीनगर जिले में एक ट्रक से टकरा गई। इस हादसे में 11 प्रवासी मजदूर घायल हो गए। इस बस में 25 मजदूर सवार थे। घायलों को फाजिल नगर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यूपी के ओरैया में भीषण हादसा, 26 की मौत
लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के ओरैया जिले में भीषण सड़क हादसा हुआ। यहां 16 मई को हुई सड़क दुर्घटना में 26 प्रवासी मजदूरों की मौत होई। ओरैया के एनएच पर दो ट्रंकों के बीच हुई सड़क दुर्घटना में 26 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई। यहां राजस्थान से मजदूरों को लेकर आने वाला ट्रक पंजाब के एक दूसरे ट्रक से टकरा गया। इनमें से ज्यादातर मजदूर झारखंड और बिहार के थे।
मुजफ्फरनगर के पास दुर्घटना में छह लोग मारे गए
13 और 14 मई की अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में 14 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई और कम से कम 61 अन्य घायल हुए। आगरा जाने वाली यूपी रोडवेज की एक बस ने प्रवासी मजदूरों के एक समूह पर चढ़ गई। ये मजदूर हरियाणा से पैदल अपने गृह राज्य बिहार के गोपालगंज जा रहे थे। मुजफ्फरनगर राजमार्ग पर यह दुर्घटना हुई। इस हादसे में पिता पुत्र सहित छह लोग मारे गए। बुधवार को ही एक अन्य सड़क हादसे में चार अन्य घायल हुए।
गुना के पास भीषण हादसा, 8 मजदूरों की गई जान
यहां प्रवासी मजदूरों को लेकर जा रहे ट्रक की बस से टक्कर गई। ट्रक में यूपी के प्रवासी मजदूर सवार थे। महाराष्ट्र से यूपी जाने के लिए करीब 65 प्रवासी मजदूर ट्रक में सवार हुए थे।
औरंगाबाद ट्रेन एक्सीडेंट, 16 प्रवासी मजदूरों की मौत
औरंगाबाद जिले में आठ मई की सुबह दर्दनाक हादसा हुआ। यहां मालगाड़ी की चपेट में आने के बाद 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर मध्य प्रदेश लौट रहे थे। ये सभी मजदूर रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर सो गए थे। तभी वहां से एक मालगाड़ी गुजरी और पटरियों पर सो रहे मजदूर इसकी चपेट में आ गए।