- रामलला को लकड़ी के झूले में झुलाया जाता था।
- करीब 500 वर्षों के बाद पहली बार चांदी के झूले सवार हुए।
- झूले पर श्री रामलला सरकार संग चारों भाई हैं।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। उधर राम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला कई सौ वर्षों बाद (करीब 500 वर्षों के बाद) आज (13 अगस्त) चांदी के झूले में सवार हुए। सावन महीने में झूला उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने 500 वर्षों के बाद पहली बार चांदी के झूले सवार रामलला का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि शताब्दियों पश्चात चांदी के झूले पर सवार हुए भगवान श्री रामलला सरकार। श्रावण पंचमी के शुभ दिन पर जन्मभूमि स्थित अस्थायी मन्दिर परिसर में झूले पर श्री रामलला सरकार संग चारों भाई ले रहे हैं झूलनोत्सव का आनंद!
गौर हो कि इससे पहले रामलला को लकड़ी के झूले में झुलाया जाता था। राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब चांदी का झूला लाया गया। भगवान श्री राम को रक्षा बन्धन पर्व तक झूले पर झुलाया जाएगा। यह झूला 21 किलो चांदी से बनाया गया है।
इस झूले में सबकुछ चांदी से तैयार किया गया है। झूले की डोरी भी चांदी से ही बनी है। चल रहा झूला उत्सव पूर्णिमा के दिन तक चलेगा।