इस साल के अंत तक देश की समस्त व्यस्क आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम पहली खुराक देने के केंद्र सरकार के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने कुछ कड़े कदम उठाए हैं। ये कदम ऐसे लोगों को वैक्सीन लेने के लिए मजबूर करेंगे जो टीका लेने से हिचकिचाते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली एमपी सरकार ने 8 नवंबर के एक आदेश में घोषणा की है कि राज्य प्रशासन अपनी पूरी आबादी का टीकाकरण कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है, जिसके लिए कुछ नए सुधार किए गए हैं।
नई अधिसूचना के अनुसार, राशन की दुकानों पर लाभ प्राप्त करने के लिए अब सभी के लिए टीके के अपने दोनों शॉट्स प्राप्त करना अनिवार्य है। निर्देश में कहा गया है कि सभी राशन कार्ड धारकों के लिए वैक्सीन की दोनों खुराक प्राप्त करना अनिवार्य है और यह विक्रेता की भी ज़िम्मेदारी है कि वह जांच करे कि ग्राहक ने इन प्रोटोकॉल का पालन किया है या नहीं। यदि विक्रेता को पता चलता है कि ग्राहक को उनकी पहली या दूसरी खुराक नहीं मिली है, तो उसे खरीदार से नजदीकी अस्पताल जाने और खुद को टीका लगवाने का आग्रह करना चाहिए।
इसके अलावा, उन लोगों की एक सूची बनाई जाएगी जो इन दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं, और यह सुनिश्चित करना विक्रेता का कर्तव्य है कि ऐसे लोगों को राशन उपलब्ध नहीं कराया जाए। इससे पहले मध्य प्रदेश के सिंगरौली के जिलाधिकारी ने एक आदेश जारी कर 15 दिसंबर के बाद कोविड-19 का टीका नहीं लेने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी।