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Liquor sale in Maharashtra : शराब की होम डिलीवरी चाहते हैं तो पूरी करनी होंगी ये शर्तें

Updated May 13, 2020 | 17:58 IST

Home dilivery of wine in Maharashtra: महाराष्ट्र में उपभोक्ता शराब की दुकान से एक पांच रुपए का भुगतान कर एक दिन की परमिट हासिल कर सकते हैं। राज्य में शराब की होम डिलीवरी 15 मई से शुरू होगी। 

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
महाराष्ट्र में गुरुवार से होगी शराब की होम डिलीवरी। फाइल फोटो
मुख्य बातें
  • महाराष्ट्र सरकार ने शराब की होम डिलीवरी की दी है इजाजत
  • होम डिलीवरी के लिए आबकारी विभाग ने जारी की गाइडलाइन
  • राज्य में 15 मई से शुरू होगी शराब की होम डिलीवरी

मुंबई : महाराष्ट्र में शराब की होम डिलीवरी ने राज्य के आबकारी विभाग ने बुधवार को अपनी एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की। विभाग ने कहा कि होम डिलीवरी की यह सेवा केवल उन्हीं इलाकों में होगी जहां पर शराब की दुकानें खोले जाने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा उपभोक्ताओं के पास शराब सेवन की परमिट रखनी होगी। अगर उनके पास यह परमिट नहीं है तो वे इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उपभोक्ता शराब की दुकान से एक पांच रुपए का भुगतान कर एक दिन की परमिट हासिल कर सकते हैं। महाराष्ट्र में शराब की होम डिलीवरी 15 मई से शुरू होगी। 

दुकानों पर बड़ी संख्या में उमड़ रही थी भीड़
बता दें कि राज्य के आबकारी विभाग ने मंगलवार को शराब की होम डिलीवरी की मंजूरी दी। राज्य में शराब की दुकानों पर बड़ी संख्या में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार ने फैसला लिया है। यह देखने में आया कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करते हुए दुकानों पर जुट रहे हैं और इससे कोविड-19 का संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। यह राज्य पहले ही कोरोना महामारी की चपेट में है। 

होम डिलीवरी करने वाले को पहनना होगा मास्क
आबकारी विभाग ने अपनी गाइड लाइन में कहा कि शराब की होम डिलीवरी करने वाली दुकानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि शराब पहुंचाने वाला व्यक्ति मास्क पहने हुए हो और वह थोड़े-थोड़ समय के अंतराल के बाद हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करे। 

शराब की बिक्री से मिलता है ज्यादा राजस्व
सरकार ने पिछले दिनों राज्यों को अपने यहां शराब की बिक्री करने की अनुमति दी। शराब बिक्री की अनुमति मिलने के बाद राज्यों में शराब की दुकानें खुलीं लेकिन इन दुकानों पर लंबी-लंबी कतार देखने को मिली। लोगों ने लॉकडाउन नियमों का पालन नहीं किया। दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग टूटती हुई दिखी। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने अपने यहां शराब की बिक्री के लिए टोकन व्यवस्था लागू की। लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें बंद होने से राज्यों को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हो रहा था। शराब की बिक्री से राज्यों को करीब 12 से 15 प्रतिशत के राजस्व की प्राप्ति होती है। 

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