- कोविड की वजह से पिछले दो सालों से नहीं हो रहा था दही हांडी का आयोजन
- महाराष्ट्र में इस बार पूरे उत्साह के साथ मनाया गया दही हांडी
- दही हांडी के दौरान घायल हुए अधिकतर प्रतिभागियों को अस्पताल से मिली छुट्टी
Dahi Handi News: मुंबई में कृष्ण जन्माष्टमी समारोह के दौरान मानव पिरामिड बनाने के दौरान कम से कम 153 'गोविंदा' या दही हांडी प्रतिभागी घायल हो गए। सबसे अधिक ठाणे शहर में 64 लोग घायल हुए। नगर निगम के अधिकारियों ने बताय कि मुंबई में ज्यादातर घायलों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 23 अन्य को अस्पतालों में भर्ती कराया गया और उनकी हालत स्थिर है।
क्या होती है दही हांडी
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह क्षेत्र ठाणे शहर में 64 घायलों में से 12 का अस्पतालों में इलाज चल रहा है, लेकिन सभी खतरे से बाहर हैं। दरअसल पिछले दो सालों से कोविड 19 की वजह से कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी का आयोजन नहीं हो सका था। इस बार पूरी धूमधाम के साथ पूरे राज्यभर में यह उत्सव मनाया गया। दही हांडी के दौरान गोविंदाओं की टोली एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करती है और हवा में ऊपर लटके हुए छाछ और दही वाले मिट्टी के बर्तनों ('हांडी') को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाकर ऊपर लटकी हांडी को तो़ने का प्रयास करते हैं। एक टोली को तीन मौके मिलते हैं। विजयी टीम को बाद में इनाम दिया जाता है।
इन अस्पतालों में हुआ इलाज
यह त्यौहार विशेष रूप से मुंबई, ठाणे और आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। दही हांडी आयोजनों और गोविंदा मंडलियों को इन शहरों में काफी राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में 153 घायलों में से 40 लोगों का इलाज नगर निगम द्वारा संचालित केईएम अस्पताल में, 17 का राजावाड़ी अस्पताल में और 14 का कूपर अस्पताल में किया गया। नायर अस्पताल सहित सिविल हॉस्पिटल्स ने 12 प्रतिभागियों का इलाज किया, सायन अस्पताल ने 10, ट्रॉमा केयर अस्पताल ने छह, भाभा अस्पताल ने पांच, डॉ बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल ने तीन और शताब्दी अस्पताल ने दो प्रतिभागियों का इलाज किया।
सरकार का ऐलान
एक अधिकारी ने कहा कि कई घायल प्रतिभागियों का इलाज भी सरकारी अस्पतालों में किया गया। तेरह प्रतिभागियों का इलाज सरकारी जीटी अस्पताल में, पांच का सेंट जॉर्ज अस्पताल में और तीन का जेजे अस्पताल में, जबकि कई अन्य का निजी चिकित्सा सुविधाओं में इलाज किया गया। गुरुवार को सीएम शिंदे ने राज्य विधानसभा को बताया था कि सरकार ने दही हांडी को एडवेंचर स्पोर्ट का दर्जा देने का फैसला किया है। एडवेंचर स्पोर्ट टैग इन आयोजनों में युवा प्रतिभागियों को स्पोर्ट्स कोटा के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने की अनुमति देगा। मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर प्रतिभागियों को मानव पिरामिड बनाते समय चोट लगती है तो प्रतिभागियों या उनके परिवारों को भी मुआवजा दिया जाएगा।
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