- 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजे गए नवनीत और रवि राणा
- 29 अप्रैल को ज़मानत पर सुनवाई होगी: वकील प्रदीप घरात
- रवि राणा आर्थर रोड जेल में रहेंगे और नवनीत राणा भायखला महिला जेल में रहेंगी
महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जेल भेज दिया गया है। मुंबई की बांद्रा कोर्ट ने दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। मुंबई पुलिस को झटका देते हुए कोर्ट ने पुलिस कस्टडी की मांग खारिज कर दी। दोनों 6 मई तक जेल में रहेंगे। इस बीच 29 अप्रैल को जमानत याचिका पर सुनवाई होगी और दोनों पक्षों को 27 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करना होगा। नवनीत राणा भायखला महिला जेल में रहेंगी, वहीं रवि राणा आर्थर रोड जेल में रहेंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की धमकी पर कथित तौर पर अलग-अलग समूहों के बीच विद्वेष फैलाने के आरोप में दंपति को कल शाम गिरफ्तार किया गया था। राणा दंपति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा- 153 ए (अलग-अलग समुदायों के बीच धर्म, भाषा आदि के नाम पर विद्वेष उत्पन्न करना) और मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा-135 (पुलिस द्वारा लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने) का मामला दर्ज किया गया।
उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में रवि राणा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपने आवास पर हनुमान चालीसा का पाठ करने की मांग की थी। साथ ही, मुख्यमंत्री द्वारा ऐसा नहीं किए जाने पर घोषणा की थी कि वह शनिवार को मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। राणा दंपत्ति ने शुक्रवार को कहा था कि वे बांद्रा में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के बाहर शनिवार सुबह नौ बजे हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। लेकिन उनकी इस घोषणा को लेकर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसके बाद शनिवार को रवि राणा ने घोषणा की कि वह और उनकी पत्नी अपनी योजना रद्द कर रहे हैं ताकि 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के होने वाले मुंबई दौरे से पहले कानून व्यवस्था की कोई समस्या पैदा नहीं हो। हालांकि, राणा दंपत्ति द्वारा योजना रद्द करने के बावजूद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने खार स्थित नवनीत राणा और रवि राणा के आवास को घेर लिया और कहा कि वे उन्हें तबतक बाहर नहीं आने देंगे, जबतक कि वे उनके (शिवसेना कार्यकर्ताओं के) लिए मंदिर समान मातोश्री का अपमान करने को लेकर माफी नहीं मांग लेते।
वकील ने लगाया आरोप
नवनीत और रवि राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने कहा कि पहली बार पब्लिक प्रोसिक्यूटर प्रदीप घरात ने स्पष्ट रूप से पुलिस विभाग के निर्देश पर तर्क दिया कि आरोपी का मामला 124 ए के तहत आता है, जो देशद्रोह है। जब रिमांड आवेदन के उस विशेष भाग या उन शब्दों को दिखाने के लिए कहा गया, जिन्हें आरोपियों द्वारा राज्य सरकार के प्रति असंतोष दिखाने के लिए कहा गया, तो वह बुरी तरह विफल रहे। वह (सरकारी अभियोजक प्रदीप घरत) एक भी शब्द नहीं दिखा पाए जो राणा दंपत्ति ने कथित तौर पर कहा था। रिमांड अर्जी का एकमात्र सार यह था कि उन्होंने हनुमान चालीसा का जाप करने के उद्देश्य से यहां आने की तैयारी की थी। हनुमान चालीसा और कुछ नहीं बल्कि भगवान राम और हनुमान की स्तुति है। जिस स्थान पर हनुमान चालीसा का जाप किया जाना था, वह उन लोगों के घर के बाहर था जो भगवान राम से प्रेम करने का दावा करते हैं। इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ धारा 153ए के अंतर्गत नहीं आ सकता। यह पूरा मामला फर्जी है। उन्हें अहसास है कि उनका केस कमजोर है। वे जमानत पर रिहा होने की संभावना के बारे में जानते हैं और इस तरह उन्होंने दूसरी प्राथमिकी तैयार की है।