नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का निर्विरोध विधान परिषद में जाना तय है, क्योंकि कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह 21 मई को महाराष्ट्र विधान परिषद की 9 सीटों पर होने वाले चुनाव में दो में से एक उम्मीदवार का नाम वापस ले रही है। राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराठ ने कहा, 'हमने एमएलसी चुनावों के लिए दो में से केवल एक उम्मीदवार को मैदान में उतारने का फैसला किया है, जिसका मतलब है कि महा विकास अगाड़ी (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन) के कुल सीटों के लिए पांच उम्मीदवार होंगे।
भाजपा ने चार, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने दो-दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि अपने दो उम्मीदवारों में से एक का नाम वापस लेने के बाद कांग्रेस अब एक उम्मीदवार को मैदान में उतारेगी।
पिछले साल 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले उद्धव ठाकरे के पास राज्य विधायिका के लिए चुने जाने के लिए 27 मई तक का समय है। इसमें विफल होने के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ता।
यहां उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में विधासभा और विधान परिषद दोनों है, पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। उन्होंने28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी, लेकिन उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। अपने पद पर बने रहने के लिए उन्हें 6 महीने के भीतर किसी भी सदन की सदस्यता लेने की आवश्यकता है, जिसकी अवधि 27 मई को समाप्त हो रही है।