- राज ठाकरे ने तीन मई तक मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया है।
- महाराष्ट्र सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
- बैठक में भाजपा शामिल नहीं हुई।
Loudspeaker Controversy:महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद पिछले कुछ दिनों से गरमाया हुआ है। महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने जिस तरह इस मुद्दे को उठाया, उसके बाद अब यह मामला दूसरे राज्यों तक पहुंच गया है। बढ़ते विवाद को देखते हुए महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने इस मसले पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक से भाजपा और मनसे ने किनारा कर लिया है। और इसके अलग भाजपा नेता पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेंस कांफ्रेंस भी कर दी है।
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बैठक पर क्या बोले पाटिल
महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने इस बैठक को लेकर कहा कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल और उसकी भूमिका पर कई राजनैतिक दलों अपने अनुसार एक डेडलाइन तय की है। इसे देखते हुए मैंने आज एक बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी राजनैतिक पार्टियों के नेताओं को बुलाया गया था। बैठक में कई पार्टी के नेता आए, लेकिन भाजपा से कोई शामिल नहीं हुआ।
क्या करेगी सरकार
पाटिल ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया है वह कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी। लाउडस्पीकर पर सुप्रीम कोर्ट ने साल 2005 में आदेश दिया था। इसके बाद कई और कोर्ट ने भी फैसले दिए है। महाराष्ट्र सरकार के नियमों के मुताबिक, जिन जगहों पर लाउडस्पीकर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। उन्हें सरकार नहीं हटाएगी।
केंद्र सरकार के पाले में डाली गेंद
इसके अलावा राज्य सरकार ने कहा है कि लाउडस्पीकर को लेकर केंद्र सरकार को कानून लाना चाहिए। जो सभी राज्यों पर लागू हो। जिसके आधार पर लाउडस्पीकर के लेकर राज्यों में नियमों को पालन कराया जा सके। इसके अलावा जहां हनुमान चालीसा के पढ़ने के बात है इसे पढ़ने पर कोई रोकने नहीं है। लेकिन यह अहम है कि चालीसा को मंदिर, घर में पढने की इजाजत है, लेकिन किसी के घर के सामने पढ़ने की इजाजत होनी चाहिए।