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34 बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे को माना अपना नेता, समर्थन पत्र राज्यपाल, उप सभापति और विधानसभा सचिव को भेजा

Updated Jun 22, 2022 | 16:24 IST

Eknath Shinde: शिवसेना के 34 बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पत्र को राज्यपाल, उप सभापति और विधानसभा सचिव को भेजा गया है।

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एकनाथ शिंदे

महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान में तेजी आ गई है। शिवसेना के बागी विधायकों ने अब एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुन लिया है। गुवाहाटी में मौजूद 34 विधायकों ने प्रस्ताव पास कर शिंदे को अपना नेता मान लिया है। बागी विधायकों ने शिंदे को समर्थन देने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर इसकी कॉपी गवर्नर, डिप्टी स्पीकर और विधानसभा सचिव को भेज दी है। 

इससे पहले सरकार पर संकट के बीच उद्धव ठाकरे ने एक लेटर जारी कर शिवसेना विधायकों को शाम 5 बजे मीटिंग के लिए बुलाया। मीटिंग में शामिल ना होने पर उनकी सदस्यता रद्द करने के बारे में कहा गया है। ठाकरे ने कहा कि सभी विधायक बैठक के लिए शाम 5 बजे सीएम आवास पहुंचें। अगर बैठक में नहीं आए तो माना जाएगा कि आप पार्टी की सदस्यता छोड़ना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में कानूनी प्रावधानों को तहत अयोग्यता की कार्रवाई शुरु की जाएगी। 

उद्धव की कार्रवाई की धमकी पर एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया है। एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा है कि भरत गोगावले को शिवसेना का चीफ व्हिप बनाया गया है। इसलिए सुनील प्रभु की तरफ से आज की मीटिंग को लेकर जारी किया गया आदेश कानूनी रूप से अमान्य है।

TIMES NOW नवभारत  से एकनाथ शिंदे ने एक्सक्लूसिव बातचीत की। इस बातचीत में एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उनके पास46+ विधायक हैं। शिंदे ने कहा कि उनकी किसी से बात नहीं चल रही है। बातचीत में आगे शिंदे ने कहा कि उनके साथ  महाराष्ट्र के 6 मंत्री और 7-8 निर्दलीय विधायक हैं। इस बीत शिवसेना विधायक नितिन देशमुख का बड़ा बयान आया। नितिन देशमुख ने कहा है कि उन्हें धमकी देकर ले जाया गया था और उन्हें सूरत में कैद करके रखा था। नितिन देशमुख ने कहा कि वो शिवसैनिक हैं। अपने घर जा रहे हैं। नितिन देशमुख ने कहा कि उन्हें कैद करने वाले लोग उन्हें शरीर पर चोट देना चाहते थे। नितिन देशमुख पर संजय राउत ने कहा है कि विधायकों के साथ जबरदस्ती की जा रही है। विधायकों को बंदी बनाकर रखा गया है। 

वहीं उद्धव ठाकरे ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट की बैठक की। खबर है कि इस बैठक में शिवसेना का कोई भी मंत्री मौजूद नहीं था। कांग्रेस- NCP के मंत्री उद्धव की इस  बैठक में पहुंचे, मगर उद्धव का एक भी मंत्री मीटिग में शामिल नहीं हुआ। उद्धव के अपने मंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया। पहले खबर आई थी कि उद्धव के मंत्री वर्चुअली इस मीटिंग में जुड़ेंगे लेकिन शिवसेना का कोई भी मंत्री वर्चुअली भी नहीं जुड़ा। काफी देर तक बिना शिवसेना के मंत्रियों के ये बैठक चलती रही।

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