- अपने नागरिकों को चीन से रेस्क्यू करने पर मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सालेह ने भारत को कहा शुक्रिया
- भारत सरकार का ये कदम दोनों देशों के बीच शानदार दोस्ती का प्रतीक है- इब्राहिम सालेह
- दिल्ली में मालदीव के नागरिकों को कुछ वक्त के लिए सामान्य लोगों से अलग रखा जाएगा
नई दिल्ली: कोरोना वायरस चीन की वजह से चीन में हेल्थ इमरजेंसी लग गई है। इस प्राणघातक विषाणु से मरने वाले लोगों की संख्या 305 हो गई है जबकि 14,000 के करीब लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों को छोड़कर अधिकतर देश अपने नागरिकों को वहां से रेसक्यू कर चुके हैं या कर रहे हैं। भारत ने शनिवार और रविवार को दो विमानों के जरिए 647 भारतीयों तथा मालदीव के सात नागरिकों को वुहान से निकाला।
अपने 7 लोगों को बाहर निकालने के लिए मालदीव ने भारत का आभार जताया है। मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत के इस कदम के लिए खुद पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को शुक्रिया कहा है। मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सालेह ने ट्वीट कर कहा, 'भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को मेरी तरफ से शुक्रिया और आभार, भारत ने वुहान में रह रहे 7 मालदीव के नागरिकों को तत्परता से बाहर निकाला, भारत सरकार का ये कदम दोनों देशों के बीच शानदार दोस्ती का प्रतीक है।'
वुहान से लाए गए लोगों को विशेषज्ञ डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों की निगरानी में दो हफ्ते तक रखा जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनमें संक्रमण के लक्षण न हों। भारत ने तेजी से फैल रहे विषाणु के मद्देनजर रविवार को चीन से आने वाले चीनी एवं अन्य विदेशी यात्रियों के लिए ई-वीजा की सुविधा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के भारत में भी दो मामले सामने आ चुके हैं। चीन से हाल ही में लौटे केरल के एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की रविवार को पुष्टि होने के साथ ही भारत में इस बीमारी का दूसरा मामला सामने आया है। इससे पहले इस वायरस का पहला मामला त्रिशूर में एक छात्रा में सामने आया था।