नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। कानून के खिलाफ सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सड़क पर उतरीं। विभिन्न क्षेत्रों से सड़क और रेल मार्ग बाधित करने की खबरें सामने आईं। अधिनियम के खिलाफ ममता ने तल्ख तेवर अपना लिए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि पश्चिम बंगाल में उनकी सरकार ये कानून लागू नहीं करेगी।
कोलकाता में ममता बनर्जी ने कहा, 'यदि आप मेरी सरकार को बर्खास्त करना चाहते हैं, तो आप कर सकते हैं, लेकिन मैं बंगाल में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की अनुमति कभी नहीं दूंगी। यदि वे इसे लागू करना चाहते हैं, तो उन्हें इसे मेरे मृत शरीर पर लागू करना होगा।'
ममता ने कहा, फूट डालो राज करो की नीति क्यों होगी? घृणा क्यों होगी? मैं नफरत की राजनीति के आगे झुकने वाली नहीं हूं। मुझे विश्वास है कि जो लोग नफरत की राजनीति में विश्वास करते हैं, वे बाहर निकाले जाएंगे, और हम इस देश से प्यार करने वाले लोग यहां रहेंगे।'
उन्होंने कहा कि उनका प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी को वापस नहीं ले लिया जाता। सोमवार को कोलकाता की सड़कों पर उतरीं ममता बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक शपथ पढ़ते हुए कहा, 'हम बंगाल में एनआरसी और सीएए को कभी लागू करने नहीं देंगे।'
राज्य में हो रहे प्रदर्शन को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कल कोलकाता में राजभवन बुलाया, लेकिन ममता ने उनसे मिलने में असमर्थता जताई है।
इससे पहले राज्यपाल धनखड़ ने इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन से गुजर रहे राज्य की वर्तमान स्थिति के बारे में उन्हें बताने के लिए नहीं पहुंचे। राज्यपाल ने कहा कि उनकी अनुपस्थिति बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को सोमवार सुबह राजभवन बुलाया था।