- मथुरा की जिला अदालत ने कृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह मजिस्द विवाद मामले में अर्जी स्वीकार कर ली है
- कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 18 नवंबर तय की है
- मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और ईदगाह मस्जिद का विवाद करीब छह दशक पुराना है
मथुरा : उत्तर प्रदेश में मथुरा की जिला अदालत ने कृष्ण जन्मभूमि से सटी ईदगाह मस्जिद को अतिक्रमण बताने वाली याचिका स्वीकार कर ली है। इस पर अगली सुनवाई अब 18 नवंबर को होने वाली है। अदालत में यह अपील अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु जैन और रंजना अग्निहोत्री की ओर से की गई थी। इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड, ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट, श्री कृष्ण जन्म स्थान ट्रस्ट और श्री कृष्णा जन्मभूमि सेवा संस्थान चार प्रतिवादी हैं।
इससे पहले मथुरा की सिविल कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कृष्ण जन्मभूमि से सटी मस्जिद को हटाने की अपील की गई थी। श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दायर याचिका में 13.37 एकड़ कृष्ण जन्मभूमि पर मालिकाना हक का दावा किया गया था। लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया था कि इसे स्वीकार करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हैं। अदालत ने आयोध्या मामले को अपवाद बताया था।
पुराना है विवाद
मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और ईदगाह मस्जिद का विवाद छह दशक पुराना है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को लेकर 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच समझौता भी हुआ था। याचिकाकर्ताओं ने इस समझौते को अवैध बताते हुए उसे उसे निरस्त करने और मस्जिद को हटाकर पूरी जमीन मंदिर ट्रस्ट को सौंपने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने 30 सितंबर को खारिज कर दिया था।
अब मथुरा जिला जज की अदालत ने श्री कृष्ण जन्मभूमि से सटी ईदगाह मस्जिद को अतिक्रमण बताने वाली याचिका स्वीकार कर ली है और इस पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 18 नवंबर तय की है। इससे पहले इस मामले के कोर्ट में पहुंचने पर बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा था कि अगर आवश्यकता हुई तो ईदगाह अतिक्रमण को हटाने और श्री कृष्ण जनभूमि को फिर से प्राप्त करने के लिए जनांदोलन शुरू किया जाएगा।