- पाकिस्तान के मुस्लिमों को नागरिकता देने की मायावती ने केंद्र सरकार से की अपील
- गायक अदनान सामी को नागरिकता और पद्म पुरस्कार देने पर उठाए सवाल
- संविधान को ताख पर लाया गया है सीएए: मायावती
नई दिल्ली। एक तरफ नागरिकता संशोधन कानून पर संग्राम छिड़ा है तो दूसरी तरफ पद्म पुरस्कारों पर भी विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष को इस बात पर आपत्ति है कि अगर सरकार पाकिस्तानी मूल के गायक को नागरिकता दे सकती है तो आम पाकिस्तानी मुसलमानों को नागरिकता देने में ऐतराज क्यों है। लेकिन यहां यह जानना जरूरी है कि अदनान सामी अब भारतीय नागरिक हैं।
बीएसपी प्रमुख मायावती का यह ट्वीट गौर करने के लायक है। पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान समी को जब बीजेपी सरकार नागरिकता व पद्मश्री से भी सम्मानित कर सकती है तो फिर जुल्म-ज्यादती के शिकार पाकिस्तानी मुसलमानों को वहाँ के हिन्दू, सिख, ईसाई आदि की तरह यहाँ CAA के तहत पनाह क्यों नहीं दे सकती है? अतः केन्द्र CAA पर पुनर्विचार करे तो बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की मूल भावना को आधार बना कर ही सरकार को आगे बढ़ना चाहिए। केंद्र सरकार जानबूझ कर सामाजिक सौहार्द खराब कर रही है। वो कहती हैं कि मोदी सरकार अनुच्छेद 14 का उल्लंघन क्यों कर रही है। इस कानून का बीएसपी पुरजोर विरोध करेगी। यूपी में जिस तरह से दंगाइयों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की वो निंदनीय है। यही नहीं यूपी के सीएम की भाषा अशोभनीय है। किसी राज्य के मुखिया से इस तरह की शब्दावली की उम्मीद नहीं की जाती है।