समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान 80 से अधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं और वो इस समय सीतापुर जेल में पिछले ढ़ाई साल से बंद हैं। उनकी जमानत होती है लेकिन केस की संख्या अधिक होने से बाहर निकलने का रास्ता मुश्करिल है। हाल ही में आजम खान से अलग अलग राजनीतिक चेहरों ने मुलाकात की और योगी सरकार पर निशाना साधा कि उन्हें साजिशन बाहर नहीं किया जा रहा है। अब इस कड़ी में बीएसपी सुप्रीमों मायावती भी जुड़ गई हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार मुस्लिमों को टारगेट कर रही है।
गरीबों, दलितों और मुसलमानों को किया जा रहा है टारगेट
यूपी व अन्य बीजेपी शासित राज्यों में भी, कांग्रेस की ही तरह, जिस प्रकार से टारगेट करके गरीबों, दलितों, अदिवासियों एवं मुस्लिमों को जुल्म-ज्यादती व भय आदि का शिकार बनाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है यह अति-दुःखद, जबकि दूसरों के मामलों में इनकी कृपादृष्टि जारी है।इसी क्रम में यूपी सरकार द्वारा अपने विरोधियों पर लगातार द्वेषपूर्ण व आतंकित कार्यवाही तथा वरिष्ठ विधायक मोहम्म्द आज़म खान को करीब सवा दो वर्षों से जेल में बन्द रखने का मामला काफी चर्चाओं में है, जो लोगों की नज़र में न्याय का गला घोंटना नहीं तो और क्या है? साथ ही, देश के कई राज्यों में जिस प्रकार से दुर्भावना व द्वेषपूर्ण रवैया अपनाकर प्रवासियों व मेहनतकश समाज के लोगों को अतिक्रमण के नाम पर भय व आतंक का शिकार बनाकर, उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है, वह अनेकों सवाल खड़े करता है जो अति-चिन्तनीय भी है।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि यूपी विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद विपक्षी दलों में इस बात की होड़ लगी है कि मुस्लिम समाज को किस तरह से अपने पाले में लिया जाएगा। अगर बात मुस्लिम समाज के नेताओं की करें तो यूपी के सभी हिस्सों में लोग आजम खान के नाम से परिचित हैं। आजम खान के कट्टर समर्थक ने जब कहा कि योगी जी ने सही कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता ही नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं तो सियासत गरमा गई।