नई दिल्ली। संसद के मानसूत्र सत्र में प्रश्नकाल नहीं कराए जाने के मामले में विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है। पूरा विपक्ष एक सुर में बोल रहा है कि यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है, इसके साथ लोकतंत्र को कमजोर करने जैसा भी है। इन सबके बीच कांग्रेस संसदीय कोऑर्डिनेशन समूह की बैठक हुई जिसमें पार्टी ने मानसून सत्र के लिए अपना एजेंडा तय किया।
दिग्गजों की बैठक में तय हुए मुद्दे
कांग्रेस संसदीय कोऑर्डिनेशन समूह की अध्यक्षता गुलाम नबी आजाद की। बताया जा रहा है कि ताजा गठित समूह के सभी 10 सदस्य मौजूद थे और कहा कि जिस तरह से सरकार ने प्रश्नकाल को संसदीय कार्यवाही से इस सत्र के लिए निकाल दिया है वो पूरी तरह से गैर लोकतांत्रिक है। इसके साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी कि समान विचार वाले दलों को एक साथ लाकर मोदी सरकार की जनविरोधी और देशविरोधी नीतियों की मुखालफत की जाए। बता दें कि कांग्रेस ने पहली बार 10 सदस्यों के समूह का गठन किया है जिसमें पांच सांसद लोकसभा तो पांच राज्यसभा से हैं।
दूसरे विपक्षी दल भी सरकार के खिलाफ खोलें मोर्चा
कांग्रेस का कहना है कि मौजूदा हालात में जिस तरह से मोदी सरकार कोविड 19 का मुकाबला कर रही है उसके साथ देश की आर्थिक हालात पर भी चर्चा करने के साथ विरोध दर्ज कराया जाएगा। समूह के कनवीनर जयराम रमेश ने कहा कि सभी 11 प्रस्ताव को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया गया है। उन्हें ही अंतिम फैसला करना है।
हालांकि एक बात स्पष्ट है कि मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी संसद के दोनों सदनों में पुरजोर विरोध करेगी और वो सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हैं कि वो एनडीए सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आगे आएं।