नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद निजी कंपनियां अपने कर्मचारियों के साथ बैठक के लिए जूम एप का इस्तेमाल कर रही हैं लेकिन गृह मंत्रालय ने इस एप के इस्तेमाल को लेकर यूजर्स को आगाह किया है। गृह मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को जारी एडवाइजरी में जूम को सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं बताया गया है। एडवाइजरी में कहा गया है कि इस एप के जरिए बैठक के दौरान अनधिकृत रूप से किसी का प्रवेश हो सकता है इसलिए यूजर्स और कंपनियां अपनी बैठक को फुलप्रूफ बनाएं ताकि सॉप्टवेयर में किसी तरह की सेंधमारी न हो सके। सरकार ने जूम एप का इस्तेमाल करते समय उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी दी है।
बीतें दिनों जूम के जरिए बैठकों में सेंधमारी होने की घटनाएं भी सामने आई हैं। भारत में निजी कंपनियां एवं संस्थाएं बड़े पैमाने पर इस एप का इस्तेमाल कर रही हैं। यहां तक कि स्कूलों ने भी इस एप का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। सरकार ने अपनी एडवाइजरी में जूम एप का इस्तेमाल करने से मना नहीं किया है बल्कि इसका इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की बात कही है।
एडवाइजरी में जूम के जरिए बैठक या कॉन्फ्रेंस मीटिंग करते समय ध्यान रखने वाली बातों को बताया गया है। इसमें प्रत्येक बैठक के समय यूजर और पासवर्ड बदलने की सलाह दी गई है। जूम एम के इस्तेमाल पर सरकार ने 16 पन्नों की काफी विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। सरकार इसके पहले भी इस तरह की दो एडवाइजरी जारी कर चुकी है।
बता दें कि देश में 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है। निजी कंपनियां और स्कूल बंद हैं। ऐसे में निजी कंपनियों की तरफ से वर्क फ्राम होम की सुविधा दी गई है। कंपनियां अपने कर्मचारियों के साथ बैठक करने और रणनीति बनाने के लिए जूम वीडियो एप का इस्तेमाल कर रही हैं। बैठकों में कंपनी से जुड़ीं गोपनीय और महत्वपूर्ण बातें भी होती हैं ऐसे में एप में कोई सेंधमारी करता है तो उसके हाथ अहम जानकारियां हाथ लग सकती हैं। इसे देखते हुए सरकार ने कंपनियों एवं यूजर्स को आगाह किया है।