- रोहिंग्या पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चिट्ठी लिखी थी
- EWS में शिफ्ट करने का फैसला दिल्ली सरकार का था- गृह मंत्रालय
- केंद्रीय गृह मंत्रालय दिल्ली सरकार को सहयोग देगा
Rohingya Row: दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्याओं को बसाने को लेकर शुरु हुआ बवाल थमने का नाम नहीं लो रहे है। रोहिंग्याओं को दिल्ली में फ्लैट देने को लेकर हर किसी के अपने-अपने दावे हैं। रोहिंग्याओं पर मचे सियासी गदर के बीच इसको लेकर गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को चिट्ठी लिखी है। गृह मंत्रालय की तरफ से लिखी गई इस चिट्ठी में कहा गया कि गृह मंत्रालय ने कभी भी रोहिंग्याओं को EWS फ्लैट्स में भेजने का निर्देश या मंजूरी नहीं दी। इसलिए दिल्ली सरकार केंद्र के साथ सहयोग करे और उस इलाके को डिटेंशन सेंटर घोषित करने के लिए तुरंत कदम उठाए। जहां पर रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हों।29 जुलाई को गृहमंत्रालय ने दिल्ली सरकार के साथ बैठक की थी और बैठक में ये साफ किया गया था कि बिना सही दस्तावेज के भारत में रह रहे शरणार्थी अवैध निवासी हैं।
MHA की चिट्ठी में क्या
- EWS फ्लैट्स में रखने की मंजूरी नहीं दी
- फ्लैट में रखने का फैसला दिल्ली सरकार का
- दिल्ली सरकार केंद्र का सहयोग करे
- रोहिंग्या का इलाका डिटेंशन सेंटर घोषित हो
सिसोदिया ने बोला था हमला
गृहमंत्रालय की चिट्ठी से पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर हमला बोला था और केंद्र को रोहिंग्याओं को लेकर अपने स्थिति स्पष्ट करने को कहा था।असदुद्दीन ओवैसी ने भी केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर उनके ट्वीट को लेकर निशाना साधा। दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्याओं को जिन फ्लैट्स को दिए जाने को लेकर बवाल मचा है। उन फ्लैट्स की हकीकत आखिर क्या है। क्या वाकई में फ्लैट्स रोहिंग्याओं को देने को लेकर कोई आदेश दिया गया है या फिर इस मामले पर सिर्फ राजनीति हो रही है। दिल्ली में रोहिंग्याओं को फ्लैट्स देने को लेकर शुरु हुआ विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में सवाल ये कि आखिर इस मुद्दे पर सच कौन बोल रहा है और सियासत कौन कर रहा है।