इस देश में जहां विपक्ष अब तक कोई फ्यूचर प्लानिंग नहीं कर पाया है। वहीं पीएम मोदी ने बीजेपी को 40 साल जिताने का फॉर्मूला भी तैयार कर लिया है। और ये फॉर्मूला है तुष्टिकरण नहीं तृप्तिकरण, परिवारवाद नहीं परफॉर्मेंस, पीएम मोदी की इन्हीं दो बातों पर बीजेपी का फ्यूचर प्लान तैयार हो गया है। और ये फ्यूचर प्लान अगले 30-40 सालों के लिए है।
40 साल वाले फ्यूचर प्लान के लिए बीजेपी उन राज्यों में जगह बनानी पड़ेगी। जहां वो सत्ता में नहीं हैं। जैसे दक्षिण भारत का इलाका। दक्षिण भारत में पांच प्रमुख राज्य हैं। यहां कर्नाटक को छोड़कर बाकी चार जगहों पर बीजेपी कभी सत्ता में नहीं आई।
दक्षिण के 5 राज्यों में लोकसभा की 129 सीटें
तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना मिलाकर दक्षिण के 5 राज्यों में लोकसभा की 129 सीटें हैं। इनमें बीजेपी के पास अभी सिर्फ 29 सीटें ही हैं। इनमें से 25 सीटें अकेले कर्नाटक से हैं। पांच राज्यों में तीन राज्य तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश में बीजेपी से कोई भी लोकसभा सांसद नहीं है।
इन राज्यों में बीजेपी का पहला फोकस तेलंगाना पर है। तेलंगाना के हैदराबाद में ही बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। और हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 18 साल बाद हुई है। इसी से आप बीजेपी के फ्यूचर प्लान में तेलंगाना के महत्व को समझ सकते हैं।
तेलंगाना में 2023 में विधानसभा चुनाव हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि वो बंगाल की तरह तेलंगाना में भी सबको चौंका सकती है।
-बंगाल में 2016 में बीजेपी के 3 विधायक थे। 2021 के चुनाव में बीजेपी की सीटें 3 से बढ़कर 77 हो गईं।
-तेलंगाना में 2018 में बीजेपी ने 1 सीट जीती थी। उपचुनाव में 2 सीटें जीतीं। कुल 3 विधायक है
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तेलंगाना में कैसे बीजेपी ने खुद को मजबूत किया। ये भी देख लीजिए
- -2020 में दुब्बाका विधानसभा उपचुनाव बीजेपी ने जीता
- -2020 में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में 150 में से 48 सीटें जीतीं
- -2021 में TRS के गढ़ करीमनगर में उपचुनाव में बीजेपी जीती
- -2019 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना की 17 में से 4 सीटें जीतीं
- -निजामाबाद सीट से KCR की बेटी के कविता को बीजेपी ने हराया था
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बीजेपी को 40 साल के राज के लिए उन राज्यों में भी एक्सप्लोर करना होगा। जहां बीजेपी को अपने लिए संभावनाएं दिख रही हैं।
तेलंगाना-
17 लोकसभा सीटें
बीजेपी के 4 सांसद
3 विधायक
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केरल
20 लोकसभा सीटें
0 सांसद
0 विधायक
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आंध्र प्रदेश
25 लोकसभा सीटें
0 सांसद
0 विधायक
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तमिलनाडु
39 लोकसभा सीटें
0 सांसद
4 विधायक
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पश्चिम बंगाल
42 लोकसभा सीटें
18 सांसद
77 विधायक
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बीजेपी के लिए इन राज्यों में संभावनाएं इसलिए भी बनती हैं। क्योंकि इनमें ज्यादातर राज्यों में परिवारवाद की राजनीति चलती है।
तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव के परिवार की राजनीति चल रही है। चंद्रशेखर राव सीएम हैं। उनकी बेटी के कविता MLC हैं। केसीआर के बेटे केटी रामाराव कैबिनेट मंत्री हैं। केसीआर के भतीजा मंत्री है और एक भतीजा लोकसभा सांसद है।
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तमिलनाडु में करुणानिधि परिवार सत्ता में है। एम करुणानिधि के बेटे स्टालिन मुख्यमंत्री हैं। और तमिलनाडु में डीएमके को कांग्रेस का समर्थन है। जो खुद परिवारवाद का सबसे बड़ा प्रतीक है।
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आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री हैं। उनके पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी कांग्रेस के बड़े नेता और मुख्यमंत्री थे। जगन मोहन रेड्डी अब कांग्रेस से अलग अपनी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस चलाते हैं।
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बंगाल में ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं। उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी सांसद हैं। और पार्टी में महासचिव हैं। ममता बनर्जी पर भी आरोप लगते रहे हैं कि वो परिवारवाद की राजनीति को बढ़ावा दे रही हैं।