- सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए हलफनामे के अनुसार अगस्त से दिसंबर के दौरान उसके पास 135 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध होगी।
- 70 दिन में 116 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने के लिए हर रोज 1.65 करोड़ डोज लगाने की जरूरत होगी।
- अभी तक देश की 29 करोड़ आबादी को कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है।
नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ जंग की लड़ाई में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। देश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ डोज को पार कर गया है। इस उपलब्धि को हासिल करने में भारत को 278 दिन लगे। देश में कोविड-19 वैक्सीनेशन की 16 जनवरी 2021 से शुरूआत हुई थी। भारत चीन के बाद 100 करोड़ डोज लगाने वाले दुनिया का दूसरा देश बन गया है। इस दौरान देश में 29 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें कोविड-19 से बचाव के लिए 2 डोज लग चुकी है। मोदी सरकार के लिए इस उपलब्धि के साथ नया लक्ष्य भी बड़ी चुनौती लेकर सामने खड़ा है। सरकार 31 दिसंबर 2021 तक देश की पूरी वयस्क आबादी को दो डोज वैक्सीनेशन का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए उसे अगले 70 दिन में 116 करोड़ डोज लगाने होंगे।
हर रोज 1.65 करोड़ डोज
70 दिन में 116 करोड़ डोज लगाने के लक्ष्य को पाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को हर रोज 1.65 करोड़ डोज लगाने होंगे। इसके बाद ही वह 31 दिसंबर तक सभी वयस्कों को पूरी तरह से वैक्सीनेट (Vaccinate)करने का लक्ष्य पूरा कर पाएंगे। केंद्र सरकार ने 26 जून 2021 को सुप्रीम कोर्ट में , जो हलफनामा दिया था, उसके अनुसार उसके पास अगस्त से दिसंबर 2021 तक 135 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध होगी।
वैक्सीन | डोज |
कोविशील्ड | 50 करोड़ |
कोवैक्सीन | 40 करोड़ |
बॉयो ई सब यूनिट वैक्सीन | 30 करोड़ |
जाइडस कैडिला डीएनए वैक्सीन | 10 करोड़ |
स्पूतनिक v | 5 करोड़ |
कुल | 135 करोड़ |
मौजूदा आंकड़ों के अनुसार 1 अगस्त से 21 अक्टूबर तक करीब 53 करोड़ डोज इस्तेमाल कर लिए गए हैं। और स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 10 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज राज्यों के पास उपलब्ध हैं। यानी सरकार ने 63 करोड़ डोज उपलब्ध कराए दिए हैं। और उसके पास प्लान के अनुसार दिसंबर तक 72 करोड़ से ज्यादा की वैक्सीन डोज उपलब्ध होगी। यानी लक्ष्य से 44 करोड़ कम वैक्सीन डोज उपलब्ध होगी। साफ है कि सरकार को 31 दिसंबर तक का लक्ष्य हासिल करने के लिए न केवल रफ्तार बढ़ानी होगी बल्कि अतिरिक्त वैक्सीन डोज की व्यवस्था भी करनी होगी।
अप्रैल से बढ़ी वैक्सीनेशन की रफ्तार
वैसे तो देश में कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीनेशन की शुरूआत 16 जनवरी से हो गई थी। लेकिन उसने रफ्तार अप्रैल से पकड़नी शुरू की थी। पहले चरण में हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर को टीके लगाने से अभियान की शुरूआत हुई थी। उसके 50 साल से ऊपर और फिर सभी वयस्कों का वैक्सीनेशन शुरू किया गया। इस दौरान वैक्सीन के लिए लंबी लाइनें भी देखी गई और विपक्ष ने सरकार को वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार पर भी सवाल उठाए। साथ ही लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर हिचक भी देखी गई। हालांकि केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों का परिणाम है कि अब वैक्सीनेशन ने रफ्तार पकड़ ली है। इसे आंकड़ों से समझा सकता है।
जहां 31 मार्च तक 6.54 लाख वैक्सीन डोज लगी थी। वह अगले 4 मीहने में 31 जुलाई तक 47 करोड़ पहुंच गई। इसके बाद अगस्त में अकेले 18 करोड़ डोज लगाई गई। सितंबर में 24 करोड़ और 21 अक्टूबर 11 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई गई। जाहिर है सरकार को अगर 31 दिसंबर तक सभी वयस्कों को वैक्सीन की दोनों डोज वैक्सीन का लक्ष्य पूरा करना है तो उसे अगस्त और सितंबर में हुए वैक्सीनेशन की रफ्तार की तरह अगले 70 दिनों में तेजी दिखानी होगी।