- डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने दिया विवादित बयान
- महंत सरस्वती ने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक जैसा नहीं है
- महंत ने कहा कि भागवत अपने और आरएसएस की डीएनए पर बोल सकते हैं
आगरा : गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने विवादित बयान दिया है। नरसिंहानंद ने सोमवार को कहा कि वह को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के बयान 'सभी भारतीयों का डीएनए एक है' से सहमत नहीं हैं। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक महंत ने कहा, 'हो सकता है कि भागवत में औरंगजेब का डीएनए हो लेकिन सभी भारतीयों का डीएनए एक जैसा होने की बात नहीं है।'
पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं महंत
महंत नरसिंहानंद कुछ समय पहले विवादों में आए थे। पानी पीने के लिए मंदिर परिसर में दाखिल होने वाले एक मुस्लिम लड़के को पीटे जाने की घटना को उन्होंने सही बताया था। गाजियाबाद में गत 4 जुलाई को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि 'भारत में इस्लाम खतरे में है, इस भय की आशंका में मुस्लिम युवकों को नहीं फंसना चाहिए। हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करना गुमराह करने वाली बात है। हिंदू और मुस्लिम अलग-अलग नहीं है बल्कि एक हैं। सभी भारतीय, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, सभी का डीएनए एक है।'
'भागवत अपने डीएनए की बात करने के लिए आजाद'
महंत सरस्वती जो कि सोमवार को अलीगढ़ में थे, उन्होंने कहा, 'भागवत सभी के ठेकेदार नहीं हैं। वह अपना और आरएसएस के डीएनए के बारे में बात रखने के लिए आजाद हैं लेकिन उन्हें इस बात की आजादी नहीं है कि वह सभी के डीएनए के बारे में बात करें।' गत शनिवार को राजस्थान के दौसा में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की नेता साध्वी प्राची ने कहा कि 'गाय का मांस खाने वालों को छोड़कर देश में बाकी सभी का डीएनए एक है।'
हिंदुओं को एकजुट होने की अपील की
नरसिंहानंद बीते दिनों गोवर्धन पहुंचे थे। इस दौरान भी उन्होंने विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि, काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर और अयोध्या के राम मंदिर को जिहादियों ने तोड़ा था। उन्होंने हिदुओं को संगठित होने की बात कही। महंत ने कहा कि हिंदू संगठित नहीं होगा तो 2029 तक देश का प्रधानमंत्री कोई जेहादी बन जाएगा।