- इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस का जमकर उल्लंघन किया गया
- तस्वीरों में सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने और मास्क लगाने जैसे उपायों की भारी कमी साफ दिखी थी
- बुधवार को बैसाखी और मेष संक्रांति के पर्व पर तीसरे और मुख्य शाही स्नान में 13-14 लाख श्रद्धालु गंगा में पवित्र डुबकी लगाने पहुंचे
उत्तराखंड के हरिद्वार में महाकुंभ मेले (Maha Kumbh Mela) में शहर में केवल 48 घंटों में 1,000 से अधिक लोगों में इस वायरस का पता चला है गौर हो कि हरिद्वार में मंगलवार को करीब 594 कोरोना पॉजिटिव केस आए वहीं एक दिन पहले ही यानी सोमवार को जिस दिन सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) 408 मामले आए थे यानी दोनों दिनों का मतलब पिछले 48 घंटों में करीब 1000 केस सामने आ चुके हैं।
सोमवार को कुंभ का सोमवती अमावस्या का दूसरा शाही स्नान था, जबकि मंगलवार को नव संवत्सर का स्नान था सोमवार वाले शाही स्नान में करीब 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया था।
वहां से सामने आई तस्वीरों में सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने और मास्क लगाने जैसे उपायों की भारी कमी साफ दिखी थी खुद प्रशासन भी सोशल डिस्टेंसिंग को लागू कराने में खुद ही असहाय नजर आ रहा था क्योंकि वहां भारी जनसैलाब था।
बताया जा रहा है कि इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस का जमकर उल्लंघन किया गया और इसको लेकर खासी आलोचनाएं भी हुईं थीं।
कोविड-19 संक्रमण की नई लहर पूरे भारत में बहुत तेज गति से फैल रही है और कई शहर इसकी चपेट में जबर्दस्त तरीके से आ चुके हैं।
हरिद्वार महाकुंभ में बुधवार को बैसाखी और मेष संक्रांति के पर्व पर तीसरे और मुख्य शाही स्नान में 13-14 लाख श्रद्धालु ही मोक्षदायिनी गंगा में पवित्र डुबकी लगाने पहुंचे। महाकुंभ में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का बढ़ता खौफ भी आस्था पर हावी होता नजर आया। शाही स्नान पर्व पर 13-14 लाख लोगों ने गंगा में स्नान किया।
महाकुंभ मेले में बुधवार को पहुंचे स्नानार्थियों की यह संख्या सोमवार को सोमवती अमावस्या के पर्व पर आए 25-30 लाख श्रद्धालुओं की संख्या की लगभग आधी और वर्ष 2010 में महाकुंभ में बैसाखी के पर्व पर आए एक करोड़ 60 लाख श्रद्धालुओं के मुकाबले लगभग चौदहवां हिस्सा ही है जो कोविड-19 के बढ़ते डर की तस्वीर पेश करता है।