- साल 2019 में 72.77 लाख लोग जानवरों के काटने का शिकार हुए थे।
- भारत में हर साल 18000-20000 लोगों की मौत रेबीज से हो जाती है।
- रेबीज से होने वाली मौतों में 15 साल तक के बच्चों पर सबसे ज्यादा खतरा।
Dog Bite Cases In India: बीते दो दिन से गाजियाबाद की एक सोसयाटी के लिफ्ट का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक महिला अपने पालतू कुत्ते को लेकर खड़ी है। और इसी बीच कुत्ते ने लिफ्ट में मौजूद एक बच्चे को काट लिया। महिला ने दर्द से कराहते बच्चे की तनिक भी परवाह नहीं की और उसे कोई मदद नहीं पहुंचाई। अब महिला के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
इसके पहले 12 जुलाई को लखनऊ का एक दिल दहलाने वाला केस सामने आया था। जिसमें एक पिटबुल कुत्ते ने अपनी मालकिन को ही नोच-नोच कर मार डाला था। महिला की उम्र 84 साल थी। कुत्ते के काटने के ऐसे मामले आए दिन आपको खबरों में सुनाई दे रहे होंगे। यही वजह है कि केवल रेबीज से हर साल भारत में 20 हजार लोगों की मौत हो जाती है। जो कि दुनिया के करीब 36 फीसदी मामले हैं। और इस साल जनवरी से 22 जुलाई तक 14.50 लाख लोग जानवरों के काटने का शिकार हो गए हैं। और अगर यही रफ्तार रही तो इस साल यह आंकड़ा 24 लाख को पार कर जाएगा। जबकि साल 2021 में 17 लाख लोग शिकार हुए थे।
2019 में 72 लाख लोग हुए शिकार
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री परशोत्तम रूपाला द्वारा लोक सभा में दी गई जानकारी के अनुसार साल 2019 से जुलाई 2022 के बीच करीब 1.5 करोड़ लोग जानवरों के काटने का शिकार हुए हैं। इसमें से सबसे ज्यादा मामले साल 2019 में सामने आए। साल 2019 में करीब 72.77 लाख लोग इस हादसे का शिकार हुए है। वहीं 2020 में 46.33 लाख और 2021 में 17 लाख लोग जानवरों के काटने का शिकार हुए। जबकि साल 2022 में पहले सात में 14.50 लाख लोग शिकार हो चुके हैं।
राज्य | जनवरी से जुलाई 2022 तक, जानवरों के काटने के मामले |
तमिलनाडु | 251510 |
महाराष्ट्र | 231531 |
पश्चिम बंगाल | 133653 |
आंध्र प्रदेश | 115241 |
हरियाणा | 96875 |
केरल | 95352 |
उत्तराखंड | 80934 |
सभी राज्य | 1450666 |
स्रोत: मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
बच्चे सबसे ज्यादा रेबीज का शिकार
भारत में कुत्तों से होनी रेबीज बीमारी कितनी भवायह है, उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के इन आंकड़ों से समझा जा सकता है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा रेबीज से मौतें भारत में होती है। हर साल करीब 18000-20000 लोगों की मौत हो जाती है। जो कि दुनिया की कुल मौतों का करीब 36 फीसदी है। WHO के अनुसार मनुष्य में 99 फीसदी रेबीज केस कुत्तों से होते हैं।
भारत में रेबीज से होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि 30-60 फीसदी मौतें 15 साल तक की उम्र के बच्चों की होती हैं। जहां तक कुत्तों से घायल और मृत्यु होने पर किसी तरह के मुआवजा मिलने के प्रावधान की बात है तो फिलहाल केंद्र के स्तर पर ऐसा कोई कानून नहीं है। देश में केरल एक ऐसा राज्य है जहां पर मुआवजा तय करने के लिए एक कमेटी का गठन हुआ है।
केंद्र सरकार 2030 तक देश से रेबीज उन्मूलन का कार्यक्रम चला रही है।
देश 1.5 करोड़ से ज्यादा आवारा कुत्ते (Stray Dogs)
राज्य | आवारा कुत्तों की संख्या |
उत्तर प्रदेश | 2059261 |
उड़ीसा | 1734399 |
महाराष्ट्र | 1276399 |
राजस्थान | 1275596 |
कर्नाटक | 1141173 |
पश्चिम बंगाल | 1140165 |
सभी राज्य | 15309355 |
देश में आवारा कुत्तों की संख्या को देखा जाय तो सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, उनकी आबादी साल 2019 में करीब 1.5 करोड़ थी। जो कि 2012 की तुलना में करीब 18 लाख कम हुई है। सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते उत्तर प्रदेश, उड़ीसा , महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हैं। पिछले सात साल में, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आवारा कुत्तों की संख्या कम हुई है। इस अवधि में राज्य में करीब 21 लाख आवारा कुत्तों की संख्या में कमी आई है।