नई दिल्ली: एक तरफ देश में वैक्सीन की कमी की बात सामने आती है, वहीं दूसरी तरफ 11 अप्रैल तक भारत में कोरोना वायरस टीकों की 44 लाख से अधिक खुराकें बर्बाद हो गई हैं। सूचना का अधिकार (RTI) के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ये डेटा साझा किया गया है। इसके अनुसार, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने जीरो वेस्टेज दिखाया है।
विवेक पांडे द्वारा दायर आरटीआई से पता चलता है कि इस साल 11 अप्रैल तक भारत के कई राज्यों में इस्तेमाल की गई कुल 10.34 करोड़ डोज में से 44.78 लाख खुराक बर्बाद हो गईं। इस आंकड़े के अनुसार तमिलनाडु में वैक्सीन की बर्बादी सबसे ज्यादा रही है, जहां 100 में से 12 वैक्सीन की खुराक बर्बाद हुई हैं, उसके बाद हरियाणा की 100 में से 9 बर्बाद हुई हैं। इस बीच, पंजाब, मणिपुर और तेलंगाना में 100 में से 8 डोज को बर्बाद कर दिया है।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा वेस्टेज
आरटीआई से यह भी पता चलता है कि केरल, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, गोवा, दमन और दीव, अंडमान और निकोबार द्वीप और लक्षद्वीप में वैक्सीन अपव्यय शून्य हुआ है। शीर्ष टीकाकरण वाले राज्यों जैसे महाराष्ट्र में कुल टीका खपत का लगभग 3.2 प्रतिशत (3.56 लाख) बर्बाद किया। राजस्थान ने लगभग 6 प्रतिशत खुराक (6.10 लाख) की बर्बादी देखी है। इसी तरह गुजरात में वैक्सीन का अपव्यय लगभग 3.8 प्रतिशत (3.56 लाख) है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में टीका अपव्यय 5 प्रतिशत (4.99 लाख) से अधिक है।
19 अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 1,26,50,266 टीके लगे हैं। इसके बाद राजस्थान में 1,11,92,119 उत्तर प्रदेश में 1,09,09,765 और गुजरात में 1,06,20,832 टीके लग चुके हैं।