- प्रिंस तुसी ने राम मंदिर के लिए सोने की ईंट देने का प्रस्ताव दिया है
- प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी खुद को बहादुर शाह जफर और अकबर का वंशज बताते हैं
- तुसी चाहते हैं कि राम मंदिर निर्माण में सोने की ईंट का इस्तेमाल हो
Gold brick for Construction of Ram temple: प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी (Prince Yakub Habeebuddin Tussi) खुद को बहादुर शाह जफर और अकबर का वंशज बताते हैं तुसी ने अब अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir) को लेकर प्रस्ताव दिया है कि वो राम मंदिर के लिए सोने की ईंट (Gold Brick ) देना चाहते हैं, इस बावत उन्होंने पीएम मोदी को प्रस्ताव दिया है, गौरतलब है कि जब अयोध्या मामले की सुनवाई चल रही थी तब हबीबुद्दीन तुसी ने इच्छा जाहिर की थी उनका कहना था कि अगर अयोध्या में राम मंदिर बनता है तो उनका परिवार इसकी पहली ईंट रखेगा।
आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के वंशज हबीबुद्दीन तुसी चाहते हैं कि राम मंदिर निर्माण में सोने की ईंट का इस्तेमाल हो, उन्होंने एक इंटरव्यू में इस मामले पर बात करते हुए कहा है कि बड़े खुशी की बात है कि राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है, और जैसा कि मैंने वादा किया था कि मुगलों की तरफ से मैं सोने की ईंट उपहार स्वरूप राम मंदिर के निर्माण में देना चाहता हूं।
तुसी ने मंदिर के लिए सोने की ईंट देने का पीएम मोदी को प्रस्ताव दिया है, वह चाहते हैं कि राम मंदिर में सोने की ईंट का इस्तेमाल हो,प्रिंस तुसी पीएम मोदी की हां का इंतजार कर रहे हैं, वो कहते हैं मैंने पीएम मोदी को इस बारे में एक लेटर लिखा है अगर वो इजाजत दें तो मैं उन्हें ये सौंप दूंगा।
पिछले साल भी प्रिंस ने यह पेशकश की थी तब मामला कोर्ट में था
बताते हैं कि पिछले साल भी उन्होंने यह पेशकश की थी, उनका दावा था कि पहले मुगल बादशाह बाबर ने 1529 में बाबरी मस्जिद बनाई थी और वह उनके वंशज हैं इसलिए जमीन उन्हें सौंप दी जानी चाहिए। वंशज होने के नाते वे ही जमीन के असली हकदार हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट उन्हें जमीन दे देगा तो वह राम मंदिर के लिए पूरी जमीन दान कर देंगे और ऐसा वो लोगों की भावनाओं की खातिर करेंगे।
इस धार्मिक अनुष्ठान की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के काम पांच अगस्त को भूमि पूजन एवं शिलान्यास के साथ शुरू हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अयोध्या पहुंचेंगे और मंदिर का शिलान्यास एवं पूजन करेंगे। वैदिक रीति-नीति का पालन करते हुए अयोध्या एवं काशी के पंडित इस धार्मिक अनुष्ठान को संपन्न कराएंगे। राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से सिद्ध एवं शक्ति पीठों की मिट्टी एवं नदियों के पवित्र जल को अयोध्या पहुंचाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि जल एवं मिट्टी का उपयोग शिला पूजन में किया जाएगा, भूमि पूजन के लिए पश्चिम बंगाल और बिहार से भी मिट्टी एवं जल अयोध्या पहुंचाया जा रहा है।