- मुंबई पुलिस ने माना है कि वह संजय राउत और एकनाथ खडसे के फोन करीब 2 महीने तक टेप करती रही
- फौन टैपिंग का मामला उस समय का है कि जब राज्य में भाजपा की सरकार थी।
- इस समय शुक्ला हैदराबाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में तैनात हैं
Phone Tapping Case: फोन टैपिंग मामले में मुंबई पुलिस ने मंगलवार को आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ करीब 700 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने शिवसेना सांसद संजय राउत और एनसीपी नेता एकनाथ खडसे के फोन अवैध रूप से टैप किए थे। उनके खिलाफ इस साल मार्च में मुंबई के कोलाबा थाने में भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। यह मामला उस समय का है जब शुक्ला महाराष्ट्र के राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) की प्रमुख थी। हाल ही में मुंबई पुलिस ने माना है कि वह संजय राउत और एकनाथ खडसे के फोन करीब 2 महीने तक रिकॉर्ड करती रही।चार्जशीट में शिवसेना नेता संजय राउत और एनसीपी नेता एकनाथ खडसे के बयान समेत करीब 20 लोगों के बयानों को शामिल किया गया है।
क्या है आरोप
फौन टैपिंग का मामला उस समय का है कि जब राज्य में भाजपा की सरकार थी। एकनाथ खडसे उस समय भाजपा में हुआ करते थे। उस दौरान खडसे के फोन दो महीने तक टैप किए गए। इसी तरह, राउत के फोन भी अवैध निगरानी में थे। और उसी दौरान महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी में बातचीत चल रही था। इस समय शुक्ला केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। और हैदराबाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में तैनात हैं।
शिवेसना नेता संजय राउत पर ईडी की कार्रवाई, कई प्रॉपर्टी अटैच
पुलिस ने माना चूक हुई
इसके पहले 20 अप्रैल को मुंबई पुलिस ने इस बात को स्वीकार किया था कि साल 2019 में एनसीपी नेता एकनाथ खडसे और शिवसेना नेता संजय राउत के फोन टैप किए जा रहे थे। पुलिस का दावा है इन दोनों नेताओं के नाम असामाजिक तत्व के लिस्ट में होने से फोन टैप किए गए। इस दौरान संजय राउत का फोन 60 दिन और एकनाथ खडसे का फोन 67 दिन टैप किया गया। मुंबई पुलिस के अनुसार राज्य खुफिया विभाग (SID) ने संजय राउत, एकनथा खडसे सहित कुछ नामों को असामाजिक तत्वों की सूची में शामिल किया था। जिसके आधार पर पुलिस ने इन दोनों नेताओं का फोन टैप किया।