कोलकाता : मुंडमाल गंगा परिक्रमा 1400 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर कोलकाता पहुंच गई है। कोलकाता पहुंचने पर पर्यटन विभाग ने परिक्रमा में शामिल पूर्व सैन्यकर्मियों का भव्य स्वागत किया। पैदल परिक्रमा करते हुए यह यात्रा पांच फरवरी तक गंगासागर पहुंचेगी। यहां से यह यात्रा वापस उत्तराखंड गंगोत्री के लिए रवाना होगी। यात्रा जहां से गुजर रही है वहां पर इसे सरकार एवं लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। नदियों को संरक्षित करने के उद्देश्य से निकाली गई इस परिक्रमा की शुरुआत 16 दिसंबर को हुई।
5100 किलोमीटर की पैदल परिक्रमा
मुंडमाल गंगा परिक्रमा का उद्घाटन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन से ऑनलाइन कार्यक्रम के जरिए की। 10 अगस्त, 2021 तक चलने वाली 5100 किलोमीटर पैदल परिक्रमा का शुभारम्भ करते हुए राज्यपाल ने कहा कि गंगा नदी हमारे देश व हमारी संस्कृति की पहचान व अमूल्य धरोहर है। जीवन दायिनी गंगा भारत की संस्कृति, आध्यात्मिक चिन्तन, जलवायु और अर्थव्यवस्था सभी पर अपनी अमिट छाप छोड़ती है। उन्होंने कहा कि गंगा के दोनों तटों पर वृक्षारोपण करती हुई गांवों और शहरों से गुजरने वाली भारत की सबसे लम्बी पदयात्रा से देश में गंगा सहित सभी नदियों के लिए व पर्यावरण संरक्षण के लिए एक नई ऊर्जा का संचार होगा। इस गंगा यात्रा से गंगा संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता व सहभागिता भी बढ़ेगी। साथ ही राज्यपाल ने गंगा के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट को दूर करने के लिए सभी एकजुट होकर इसे निर्मल बनाये रखने की अपील की।
सरकार के मंत्रियों ने मुंडमाल गंगा परिक्रमा को सराहा
कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सहित जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत,संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में मौजूद जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि वो इस यात्रा के साथ पूरा भाव से जुड़े हुए हैं और हर कदम पर यात्रियों का सहयोग देने के लिए वचनबद्ध हैं। इस मौके पर संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि उनका नदियों से पुराना नाता रहा है। नर्मदा परिक्रमा पैदल पूरी करने वाले प्रहलाद पटेल ने कहा कि उनका इस यात्रा से जुड़ना उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पसंद है। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्री होने के साथ-साथ इस यात्रा के साथ एक पर्यावरण प्रेमी और नदी प्रेमी होने की वजह से खासतौर पर जुड़े हैं।
प्रयागराज से यात्रा की शुरुआत सौभाग्य की बात-योगेश शुक्ल
वहीं, वरिष्ठ नेता और समाजसेवी योगेश शुक्ल ने इस यात्रा को सफल बनाने की अपील करते हुए कहा कि ये उनके लिए सौभाग्य की बात है कि ये यात्रा प्रयागराज से शुरू हो रही है। पिछले कई वर्षों से गंगा के लिए काम कर रहे योगश शुक्ल ने कहा कि गंगा का जल जब तक गंगोत्री से गंगासागर तक आचमन के योग्य नहीं हो जाता, तब तक हमें संघर्ष करते रहना है। उन्होंने कहा कि शायद ये उनका गंगा के प्रति लगाव और उनके कर्मों का ही फल है कि वो इस यात्रा के प्रारंभ से इसके साक्षी बन रहे हैं।
प्रयागराज की मेयर अनुराधा गुप्ता ने कहा कि प्रयागराज की प्रथम नागरिक होने के नाते पूरे शहर की तरफ से वह अतुल्य गंगा और इस यात्रा को करने वालों का आभार व्यक्त करती हैं।