- जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद अक्टूबर 2020 में पांच पार्टियों ने मिलकर गुपकर गठबंधन बनाया था।
- पिछले 2 साल में गठबंधन मजबूत होने की जगह कमजोर हुआ है। और दो पार्टियों ने नाता तोड़ लिया है।
- नए चुनाव 90 विधानसभा सीटों पर होंगे।
Jammu And Kashmir Election :जम्मू और कश्मीर में चुनावों की सुगबुगाहट के बीच गुपकर गठबंधन ने बड़ा ऐलान किया है। उसके दो प्रमुख दल नेशनल कांफ्रेंस औप पीडीपी ने मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इस बात की घोषणा नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने की है। जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद, पहली बार नई विधान सभा के लिए चुनाव होने की संभावना है। इस मामले में केंद्र सरकार भी कह चुकी है कि जल्द ही चुनाव कराए जाएंगे। नए परिसीमन के आधार पर जम्मू और कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई है।
क्या है प्लानिंग
सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे। जहां तक चुनाव कब होंगे इसका सवाल है तो यह सरकार तय करेगी। वह जब चाहेगी तब चुनाव होंगे। फारूक अब्दुल्ला गुपकर गठबंधन के अध्यक्ष भी है। अब्दुल्ला की तरह महबूबा मुफ्ती ने भी कहा है कि यह लोगों की इच्छा है कि हम मिलकर चुनाव लड़े। ऐसा करके हम अपनी खोए हुए गौरव को वापस पाने की कोशिश करेंगे।
गुपकर गठबंधन बिखरा
जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद अक्टूबर 2020 में पांच पार्टियों ने मिलकर गुपकर गठबंधन (People's Alliance for Gupkar Declaration) बनाया था। लेकिन पिछले 2 साल में गठबंधन मजबूत होने की जगह कमजोर हुआ है। बीते रविवार को जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) ने गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया है। पार्टी अध्यक्ष डॉ. मुस्तफा खान ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में उनका पारंपरिक पारिवारिक शासन कायम रहे। और उनकी गठबंधन को लेकर कोई रणनीति नहीं है। इसके पहले डीडीसी चुनाव के बाद सज्जाद लोन की अगुआई वाली पीपुल्स कांफ्रेंस ने भी गठबंधन से नाता तोड़ लिया था।
हालांकि गठबंधन कमजोर होने के सवाल पर सोमवार को फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह कभी सही मायने में गठबंधन का हिस्सा नहीं थे, वह तो इसे नुकसान पहुंचाने आए थे।
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31 अक्टूबर को जारी हो सकती है वोटर लिस्ट
ऐसी संभावना है कि चुनाव आयोग 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर की फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित करेगा, जो विधानसभा सीटों की परिसीमन के बाद तैयार की गई है। इसके पहले मई में जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने अपनी फाइनल रिपोर्ट सौंप दी थी। इसके तहत आयोग ने राज्य में कुल 7 विधान सभा सीटें बढ़ाने की सिफारिश की है। प्रस्ताव के तहत कश्मीर क्षेत्र में 46 के बदले 47 सीट होंगी । और जम्मू क्षेत्र में 37 की जगह 43 विधानसभा सीटें होंगी। आयोग के प्रस्ताव के बाद राज्य में कुल 90 विधानसभा सीटें होगी।