- हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाते हैं।
- देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा दिवस के तौर मनाते हैं।
भारत प्रत्येक साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाता है। इस दिवस को भारत के पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) की जयंती के तौर पर मनाया जाता है। वह एक स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् थे और स्वतंत्र भारत के एक प्रमुख वास्तुकारों में से एक थे। उन्होंने AICTE और AICTE जैसे प्रमुख शिक्षा निकायों की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई।
भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सितंबर 2008 में मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन को राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। आजादी के बाद राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण बनाने के लिए देश के नेताओं ने अपना ध्यान शिक्षा की ओर केंद्रित किया। विशेष रूप से अबुल कलाम ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अग्रणी भूमिका निभाई।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व (Significance of National Education Day)
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) पर देशवासी राष्ट्र निर्माण में मौलाना आजाद के योगदान को याद करते हैं। इस दिन को स्वतंत्र भारत में शिक्षा प्रणाली की नींव रखने में अबुल कलाम के योगदान को याद करने के तौर पर देखा जाता है। इस दिवस को हर साल स्कूलों में विभिन्न रोचक और सूचनात्मक सेमिनार, संगोष्ठियों, निबंध-लेखन आदि का आयोजन करके मनाया जाता है। छात्र और शिक्षक साक्षरता के महत्व और शिक्षा के सभी पहलुओं पर विचार विमर्श करते हैं।
देश भर के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में 11 नवंबर को निबंध लेखन, वाद-विवाद और अन्य प्रतियोगिताएं होती हैं। शिक्षा के लिए अनगिनत इमारतों, स्मारकों और केंद्रों की स्थापना की गई है।