- भारतीय नौसेना को मिली बड़ी कामयाबी
- सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम का किया सफल टेस्ट
- लगातार अपने हथियारों का टेस्ट करती है भारतीय नौसेना
Indian Navy Missile Test: अपनी ताकत को बढ़ाते हुए भारतीय नौसेना ने गुरुवार को सतह से हवा में मार करने वाली एंटी सबमरीन स्टील्थ फ्रिगेट से निचली सतह पर एक लक्ष्य पर निशाना साधा। नौसेना ने कहा कि ये पहले मारो और करारा मारो के अपने मंत्र की दिशा में एक और बड़ा कदम है। भारतीय नौसेना ने इसका वीडियो भी जारी किया है। ये मिसाइल दुश्मन पर छुपकर वार करने में सक्षम है।
वीडियो में दिखाया गया है कि एसएएम प्रणाली एक निर्देशित-मिसाइल एंटी-सबमरीन स्टील्थ फ्रिगेट से लॉन्च होने के बाद बेहद तेज गति से लक्ष्य तक पहुंचती है। इसके बाद मिसाइल सतह के ठीक ऊपर की चीज से टकराती है। वीडियो की शुरुआत एक मिसाइल से होती है, जो अपने साइलो से निकलती है और अपने लक्ष्य को हिट करने की पोजीशन लेती है। एक बार लॉन्च होने के बाद मिसाइल अपने लक्ष्य की ओर जाती है और पानी के ठीक ऊपर एक विस्फोट होता है, जिससे ये पुष्टि होती है कि मिसाइल कम-उड़ान वाली चीज को मारने में सक्षम है।
समुद्र में बढ़ी देश की ताकत, नौसेना को मिले युद्धपोत 'सूरत' और 'उदयगिरि'
लगातार अपने हथियारों का टेस्ट करती है भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना नियमित रूप से अपने हथियारों का टेस्ट करती है और जहां कहीं आवश्यक हो वहां शक्ति का प्रदर्शन भी करती है। भारतीय नौसेना अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नए जहाजों को भी शामिल कर रहा है। नौसेना ने हाल ही में ओडिशा तट पर एक नौसैनिक हेलीकॉप्टर से एक नेवल एंटी-शिप मिसाइल का टेस्ट किया। इससे पहले 18 मई का टेस्ट भारतीय नौसेना के लिए स्वदेशी एयर-लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम का पहला टेस्ट था और इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सहयोग से आयोजित किया गया था। ये टेस्ट सीकिंग-42बी हेलीकॉप्टर से किया गया था।
नौसेना को पिछले हफ्ते मिले दो फ्रंटलाइन युद्धपोत
नौसेना को पिछले हफ्ते दो फ्रंटलाइन युद्धपोत, सूरत और उदयगिरी मिले। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई में मझगांव डॉक्स लिमिटेड में जहाजों का शुभारंभ करते हुए आत्मनिर्भरता की दिशा में उनके प्रयासों के लिए नौसेना बलों की प्रशंसा की। फ्रिगेट का काम दूसरे बेड़े के जहाजों, व्यापारी समुद्री जहाजों और अन्य संपत्तियों को समुद्र में खतरों के खिलाफ, विशेष रूप से पनडुब्बियों की रक्षा करना होता है।