- महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं। इसमें भाजपा के पाm 105, शिवसेना के पास 56 सीटें, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं।
- नवाब मलिक ने आर्यन खान केस में एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े पर गंभीर आरोप लगाए थे ।
- सहयोगी दलों के साथ-साथ ममता बनर्जी, अखिलेश यादव ने भी शरद पवार को समर्थन दिया है। हाल ही में तीसरे मोर्चा बनाने की विपक्ष ने कवायद शुरू की है।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी भूचाल आ गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने महाराष्ट्र सरकार के एक और मंत्री को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है। इसके पहले महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को भी ईडी ने नवंबर में गिरफ्तार किया था। उन पर मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।
पिछले 4 महीने में महाराष्ट्र सरकार के 2 प्रमुख मंत्रियों की गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीति में सियासी भूचाल ला दिया है। अहम बात यह है कि दोनों नेता शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ सदस्य है। ऐसे में इन गिरफ्तारियों का महाराष्ट्र की राजनीति में भी आने वाले समय में असर दिख सकता है। नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद मुख्य विपक्षी दल भाजपा उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। इसके पहले अनिल देशमुख भी गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा दे चुके हैं।
शरद पवार ने बुलाई आपात बैठक
एक के बाद एक नेताओं की गिरफ्तारी को देखते हुए शरद पवार ने एक इमरजेंसी बैठक बुला ली है। जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मौजूद रहने वाले हैं। दो वरिष्ठ मंत्रियों के गिरफ्तारी के बाद भाजपा इसे एक बड़ा मुद्दा बनाएगी। जिसका महाराष्ट्र की राजनीति पर सीधा असर पड़ सकता है। इस समय महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की महा विकास अघाड़ी सरकार चल रही है। जबकि सबसे बड़ा दल भाजपा विपक्ष में हैं। नवाब मलिक की गिरफ्तारी पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है उनकी पार्टी को मलिक के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की उम्मीद थी। वहीं पार्टी के प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने कहा है मलिक के खिलाफ कार्रवाई 'दबाव बनाने की नीति' है, ताकि उन्हें खामोश किया जा सके। क्रास्टो ने कहा, मलिक कुछ लोगों के गलत कृत्यों को उजागर कर रहे थे। सच्चाई की आवाज दबाई नहीं जा सकती।'
आर्यन खान केस में समीर वानखेड़े पर लगाए थे गंभीर आरोप
नवाब मलिक उन दिनों काफी सुर्खियों में आए जब बीते अक्टूबर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB)ने ड्रग केस में शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। उस वक्त नवाब मलिकन लगातार मुंबई के डिविजनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और उनके परिवार पर आरोप लगाते रहे। और हर रोज प्रेस क्रांफ्रेस कर नए-नए आरोप लगा रहे हैं। मलिक ने समीर वानखेड़े के जन्म , विवाह और ड्रग्स कार्रवाई के तरीकों आदि पर कई आरोप लगाए जिसके चलते समीर वानखेड़े न केवल जांच के घेरे में आए गए बल्कि उन्हें NCB से भी हटना पड़ा। उस दौरान आर्यन खान की रिहाई के बाद उनका एक ट्वीट 'पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त' काफी चर्चा में रहा। बाद में उन्होंने भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी की एक फोटो ड्रग पैडलर के साथ ट्वीट की थी। जिस पर सियासी घमासान मचा था।
मलिक और दाउद कनेक्शन !
इसके बाद 9 नवंबर को देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड से रिश्ते का सनसनीखेज आरोप लगाया। फडणवीस के अनुसार नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम के गैंग से जमीनें खरीदीं। ये जमीनें मुंबई में ब्लास्ट करने के आरोपियों की हैं। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरदार शाह वली खान और हसीना पारकर के करीबी सलीम पटेल के नवाब मलिक के साथ व्यवसायिक संबंध हैं। इसके अलावा उन पर मनी लांड्रिंग का आरोप भी लगा । जिसके आधार पर बुधवार को ईडी उनसे पूछताछ कर रही थी और फिर उन्हें गिरफ्तार किया गया।
शरद पवार को ममता,अखिलेश का मिला साथ
नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष एकजुट होता नजर आ रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी ने इस मसले पर शरद पवार से बात की है। और ऐसी खबरें हैं कि उन्होंने पवार से कहा है कि वह मलिक से इस्तीफा नहीं ले। इस बीच महाराष्ट्र सरकार में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चाह्वाण ने कहा कि यह निचले स्तर की राजनीति है। वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा 'भाजपा जब घबराती है तो इस तरह एजेंसियों को लाकर लोगों को अपमानित करती है। झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेल भेजती है।' इसके पहले तीसरे मोर्चे को लेकर शरद पवार और उद्धव ठाकरे के साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव भी बैठकें कर चुके हैं।
अभी क्या है राजनीतिक समीकरण
महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं। इसमें भाजपा को 105 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। शिवसेना ने 56 सीटें, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं। और फिलहाल शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी मिल कर सरकार चला रहे हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल सभी दलों को एक-दूसरे की जरूरत है। और एक दल के भी कमजोर होने का असर पूरी सरकार पर पड़ सकता है।
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