नई दिल्ली: आर्यन खान ड्रग्स मामले में वसूली के आरोपों से घिरे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े विशेष NDPS अदालत के समक्ष पेश हुए। उन्होंने जज से कहा कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और वह जांच के लिए तैयार हैं।
मेरी बहन और मृत मां सहित मेरे परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। मामले में दो हलफनामे दाखिल किए गए हैं। एक एनसीबी द्वारा और एक वानखेड़े द्वारा दाखिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि मुझे अपने जन्म प्रमाण पत्र के बारे में नवाब मलिक के एक नए ट्वीट के बारे में पता चला है। यह उन सभी चीजों को लाने का एक कुरूप प्रयास है जो इस सब से नहीं जुड़ी हैं। मेरी मां मुस्लिम थीं तो क्या वह मेरी मृत मां को इस सब में लाना चाहते हैं? मेरी जाति और पृष्ठभूमि को सत्यापित करने के लिए कोई भी मेरे मूल स्थान पर जा सकता है और मेरे परदादा से मेरे वंश का सत्यापन कर सकता है। लेकिन उसे यह गंदगी इस तरह नहीं फैलानी चाहिए। मैं इस सब से कानूनी रूप से लड़ूंगा और अदालत के बाहर इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहता।
समीर वानखेड़े का बयान
वानखेड़े ने बयान जारी कर कहा कि यह मेरे संज्ञान में आया है कि नवाब मलिक ने मेरे से संबंधित कुछ दस्तावेज प्रकाशित किए हैं। ट्विटर हैंडल पर आरोप लगाया कि समीर दाऊद वानखेड़े का शुरू हुआ फर्जीवाड़ा। इस संदर्भ में मैं यह व्यक्त करना चाहता हूं कि मेरे पिता स्व. ज्ञानदेव काचरूजी वानखेड़े 30.06.2007 को राज्य आबकारी विभाग, पुणे के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए। मेरे पिता एक हिंदू हैं और मेरी मां स्वर्गीय श्रीमती जाहिदा एक मुस्लिम थीं। मैं सच्ची भारतीय परंपरा में एक समग्र, बहुधार्मिक और धर्मनिरपेक्ष परिवार से ताल्लुक रखता हूं और मुझे अपनी विरासत पर गर्व है। इसके अलावा, मैंने 2006 में डॉ. शबाना कुरैशी से स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 के तहत शादी की। हम दोनों ने साल 2016 में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत सिविल कोर्ट के जरिए आपस में तलाक ले लिया। इसमें बाद में साल 2017 में मैंने शियामती क्रांति दीनानाथ रेडकर से शादी की। ट्विटर पर मेरे निजी दस्तावेजों का प्रकाशन मानहानिकारक प्रकृति का है और मेरे परिवार की निजता पर अनावश्यक आक्रमण है। इसका उद्देश्य मुझे, मेरे परिवार, मेरी दिवंगत मां और मेरे पिता को बदनाम करना है। पिछले कुछ दिनों में माननीय मंत्री जी के कृत्यों की श्रृंखला ने मुझे और मेरे परिवार को अत्यधिक मानसिक और भावनात्मक दबाव में डाल दिया है। व्यक्तिगत, मानहानिकारक और निंदनीय हमलों की प्रकृति से मैं आहत हूं।
ये हैं आरोप
आर्यन केस में टाइम्स नाउ नवभारत के खुलासे के बाद NCB ने कहा है कि समीर वानखेड़े पर लगे आरोपों की जांच होगी, वानखेड़े के अलावा बाकी अधिकारियों का भी स्टेटमेंट रिकॉर्ड होगा। DDG एनआर ज्ञानेश्वर सिंह मामले की जांच करेंगे। ज्ञानेश्वर सिंह अपनी जांच रिपोर्ट NCB के DG को सौपेंगे। ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि डीडीजी एसडब्ल्यूआर से एक रिपोर्ट हमारे डीजी को प्राप्त हुई थी, उन्होंने सतर्कता अनुभाग को एक जांच के लिए चिह्नित किया है। मुख्य सतर्कता अधिकारी उचित रूप से जांच से निपटेंगे। जांच अभी शुरू हुई है, किसी भी अधिकारी पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।
दरअसल मामले के एक गवाह प्रभाकर सेल ने अपने एक हलफनामे में दावा किया है कि उसने तथाकथित निजी जासूस केपी गोसावी और सैम डिसूजा के बीच 18 करोड़ रुपये के सौदे की बात सुनी थी, जिनमें से 8 करोड़ रुपए समीर वानखेड़े को दिए जाने थे।
इसके बाद समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें वानखेड़े ने कहा है कि उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है। उन्हें जेल भेजने और बर्खास्त करने की धमकी दी गई है। समीर वानखेड़े ने पुलिस कमिश्नर से की मांग की है कि उन्हें फंसाने की कार्रवाई ना हो।